चैती छठ में प्रशासन ने की है घर से पर्व करने की अपील

नगर निगम पहुंचा रहा घर-घर तक गंगाजल

PATNA :

शहर में कोरोना का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में प्रशासन ने चैती छठ घर पर ही मनाने की पटनाइट्स से अपील की है। गौरतलब है कि शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ ही इस पर्व की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में प्रशासन द्वारा घर-घर तक गंगाजल पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया है। पटना नगर निगम की तरफ से टैंकरों में गंगाजल बांटना शुरू हो चुका है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए गंगा घाटों पर जाने में पूरी तरह से रोक लगी है।

घाट के रास्ते पर बैरिकेडिंग

लोगों को घाटों पर जाने के लिए रोका जा रहा है प्रशासन ने न सिर्फ वहां पर पदाधिकारी तैनात कर दिए हैं। बल्कि बैरिकेडिंग कर पूरे रास्ते को बंद कर कर दिया है। असामाजिक तत्व से निपटने के लिए भी फोर्स की व्यवस्था घाटों पर की गई है।

नहाय-खाय के साथ महापर्व शुरू

शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ 4 दिनों के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई। छठ व्रती नहाय-खाय के दिन घर की अच्छे से साफ सफाई करके पवित्र नदियों या तालाबों के साफ जल से स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं। चैती छठ रखने वाले व्रती इस दिन चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी खाते हैं।

खरना आज

नहाय खाय के अगले दिन खरना होता है। इस दिन व्रती को सुबह से लेकर शाम तक निर्जला व्रत रखना होता है। शाम में मिट्टी के चूल्हे पर दूध और गुड़ से बनी खीर बनाकर, भगवान को भोग लगाकर खाते हैं। जब तक चांद नजर आए तब तक पानी पीते हैं और फिर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

18 अप्रैल को शाम का अ‌र्घ्य

18 अप्रैल रविवार को अस्ताचलगामी यानी अस्त हो रहे सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाता है। इस दिन नदी या तालाब के किनारे स्थित घाट पर जाकर सूर्य को अ‌र्घ्य देते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से लगी पाबंदियों के कारण इस साल लोग घाट पर नहीं जा पाएंगे।

19 अप्रैल को समापन

19 अप्रैल सोमवार को चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को सुबह उदित हो रहे सूर्य को अ‌र्घ्य देकर चैती छठ का समापन हो जाएगा।