-पीएमसीएच की अजब-गजब कहानी, जिसका बना डेथ सर्टिफिकेट, उसका चल रहा इलाज

PATNA: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच के कर्मचारियों की कारस्तानी से जिंदा मरीज को मुर्दा घोषित कर दिया गया। कोरोना संक्रमित 40 वर्ष के एक मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया गया। फिर डेड बॉडी को पैक कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया। जिस मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया वह पीएमसीएच में अभी भी एडमिट है। उसकी हालत में सुधार हो रहा है। उधर, पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ। आईएस ठाकुर ने इस लापरवाही पर संबंधित लोगों से स्पष्टीकरण मांगने के बाद दोषी स्वास्थ्य प्रबंधक अंजली कुमारी को बर्खास्त कर दिया।

इस तरह हुआ खुलासा

कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद परिजन अंतिम संस्कार से पहले कफन हटाकर उसका चेहरा देखने लगे। कफन हटाते ही पता चला कि डेड बॉडी किसी दूसरे की है। इसके परिजन पीएमसीएच आए। जब उन्होंने पड़ताल की तो उनका मरीज जिंदा मिला। इसके बाद परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं, खुलासा होते ही पीएमसीएच में हड़कंप मच गया। अस्पताल प्रशासन ने जांच का आदेश दिया।

बिना जांच दे दिया डेड बॉडी

जानकारी के अनुसार, पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल के मोहम्मदपुर ग्राम निवासी 40 वर्षीय पुत्र चुन्नू कुमार को ब्रेन हेमरेज के बाद बीते शुक्रवार को पीएमसीएच में एडमिट कराया गया था। वहीं, परिजनों का कहना है कि रविवार की सुबह लगभग 10 बजे अस्पताल की ओर से बताया गया कि आपके मरीज की स्थिति खराब हो गई है। एक घंटे बाद बताया कि उनकी मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल ने डेथ सर्टिफिकेट बनाकर डेड बॉडी को पैक कर दे दिया।

बेड के लिए 200 की वसूली

उधर, परिजनों का आरोप है कि पीएमसीएच में बिना पैसा लिए कोई काम नहीं होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेड दिलाने के नाम पर दो सौ रुपए लिए गए थे। जहां पेशेंट एडमिट था वहां अस्पताल के कर्मचारी किसी को जाने नहीं दे रहे थे। परिजनों ने बताया कि शनिवार की रात 150 रुपए देकर कर्मचारी से मरीज का वीडियो बनवाकर मंगाया था। वीडियो में वे ठीक दिख रहे थे।

जिद से लौटी खुशी

पेशेंट चुन्नू कुमार की पत्नी कविता देवी ने बताया कि पति की मौत की सूचना मिलने के बाद वह घबरा गई। अस्पताल की ओर से कहा गया कि डेड बॉडी घर नहीं ले जाना है। इसके बाद हमलोग बॉडी लेकर अंतिम संस्कार के लिए बांसघाट गए। वहां अंत्येष्टि से पहले पति का चेहरा देखने की जिद की। इसके लिए भी पैसे की मांग की गई। पैसा देने के बादबॉडी को खोला गया तो पता चला कि जिस डेड बॉडी को लाया गया है वह मेरे पति की नहीं है। इसके बाद परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इसके बाद सभी लोग वापस पीएमसीएच आ गए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए हेल्थ मैनेजर को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। आगे ऐसी घटना न हो, इसकी चेतावनी भी दी गई है।

-डॉ आईएस ठाकुर, सुपरिटेंडेंट पीएमसीएच