PATNA: बख्तियारपुर से दो माह पूर्व संदिग्ध स्थिति में नाबालिग ममेरी बहनें गायब हो गई थीं, जिनकी बरामदगी तो हो गई है लेकिन यह रहस्य अब भी बना हुआ है कि आखिर वे बिहार से लखनऊ पहुंची कैसे? फिलहाल लड़कियां दहशत में हैं। इसलिए कुछ नहीं बता पा रही हैं। मंगलवार को एसएसबी के जवानों ने दोनों नाबालिगों को परिजनों को सौंप दिया है।

- गुमशुदगी से मचा था हड़कंप

ख्9 जुलाई को बख्तियारपुर से अचानक दो लड़कियों के गायब होने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। घरवाले अनहोनी की आशंका को लेकर दोनों की तलाश करने लगे। काफी तलाश के बाद भी कोई सुराग नहीं लगा तो उन्होंने बख्तियारपुर थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस भी लिखापढ़ी कर आस पास तलाश करने के बाद शांत होकर बैठ गई।

- लखनऊ स्टेशन पर मिलीं

दोनों लड़कियों को लखनऊ रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने संदिग्ध स्थिति में घूमते हुए पकड़ा। पूछताछ में कुछ बताने की जगह पुलिस वालों को ही इधर उधर की बातों में उलझाती रहीं। इस पर शक बढ़ गया। पुलिस ने महिला बाल गृह को सूचना देकर उन्हें वहां भेज दिया। वहां भी वह अपने बारे में कुछ नहीं बता रही थीं। न ही घर और घरवालों के बारे में। जिससे परिजनों तक पहुंचना मुश्किल हो गया था।

- बोली से मिला क्लू

लड़कियों की बोली से यूपी पुलिस को लग गया कि वे बिहार की हैं। इस पर यूपी पुलिस के आईजी ने एसएसबी मुजफ्फरपुर के डीआईजी संजय कुमार से संपर्क किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी ने मामले की जांच में टीम लगा दी। सहायक सेनानायक आरआर तिवारी के साथ टीम में शामिल जवान गुंजन कुमार और मिथिलेश कुमार जांच में जुट गए। उन्होंने दोनों नाबालिगों के परिजनों की पहचान पटना के बख्तियारपुर में की। इसके बाद परिजनों को लेकर वे लखनऊ गए और मंगलवार को लड़कियों को साथ लेकर पटना आ गए।

दोनों लड़कियों को परिजनों को सौंप दिया गया है। पूछताछ में वह कुछ भी नहीं बता रही हैं। वह बख्तियारपुर से लखनऊ कैसे पहुंची इसकी कोई जानकारी नहीं दे रही हैं। कुछ क्लू मिलता तो जांच की जाती। फिलहाल दोनों का यही कहना है कि घर वालों से नाराज होकर गई थी।

- आर आर तिवारी, सहायक सेनानायक

मुजफ्फरपुर, एसएसबी