पटना ब्यूरो। बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। विश्वास है की यहां से भी जल्द ग्रैंडमास्टर निकलेंगे। यह कहना है अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित देश के प्रसिद्ध चेस ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ का। गुरुवार को पटना के ज्ञान भवन में चल रहे 12वीं नेशनल स्कूल चेस चैंपियनशिप में पहुंचे दिव्येंदु बरुआ ने प्रतिभागियों का जहां हौसला बढ़ाया वहीं चैंपियनशिप की ट्रॉफी का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि बिहार की पूरी छवि बदल गई है। आज यहां के प्रतिभाओं की पहचान देश के कोने—कोने में हो रही है। इस आयोजन को देखकर कह सकता हूं कि ऐसा माहौल इंटरनेशनल टूर्नामेंट में ही देखने को मिलती है.इतने बड़े स्तर के टूर्नामेंट को बिहार ने सबसे बेहतर ढंग से आयोजित किया है इसके लिए बिहार सरकार ,बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और बिहार चेस एसोसिएशन को मैं विशेष रूप से इसके लिए बधाई और धन्यवाद देता हूं। यहां भविष्य में और भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट आयोजित किए जायेंगे क्योंकि बिहार इसको आयोजित करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। हमारे समय में चेस खेलने और प्रशिक्षण की बहुत कम सुविधा थी मगर आज काफी सहूलियत हो गयी है जिससे काफी बच्चे प्रोत्साहित होकर आगे बढ़ रहे हैं। बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है ,बेहतर प्रशिक्षण की सुविधा से यहां के खिलाड़ी भी ग्रैंडमास्टर बनने में सक्षम हैं। मुझे पूरा यकीन है इन्हीं बच्चों में से बिहार का कोई खिलाड़ी भी जरूर ग्रैंडमास्टर भी बनेगा।
अच्छे खिलाड़ियों के चयन और विकास के लिए इस तरह के टूर्नामेंट निरंतर आयोजित करना बहुत जरूरी है। बिहार में इसके विकास के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर हर तरह का सहयोग करने को तैयार हूं। भारत में ही चेस खेल की शुरुआत हुई थी और हमें पूरा यकीन है हमारा देश फिर इस खेल में नंबर वन बनेगा और बिहार से भी ग्रैंडमास्टर निकलेंगे। जरूरत है इसे प्रमुख्ता से स्कूली क्यूरिकूलम में शामिल किया जाए।