- प्रथम गुरु के 551 वीं जयंती पर गुरुद्वारा गुरु का बाग व चितकोहरा में सजा विशेष दीवान

- तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में जयंती का मुख्य समारोह आज

PATNA :

सिख पंथ के प्रथम गुरु नानक देव के 551 वें प्रकाश पर्व को लेकर ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु का बाग में तीन दिनों से चल रहा अखंड कीर्तन सुबह 8:30 बजे समाप्त हुआ। अखंड पाठ के बाद सजे दीवान में टाटानगर के कीर्तनी रागी जत्था के भाई गुरदीप सिंह ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। पटना साहिब हजूरी रागी जत्था के भाई साहिब, लुधियाना के कानपुरिया रागी जत्था के भाई पवनदीप सिंह, लखनऊ के भाई गुरमीत सिंह ने कीर्तन प्रस्तुत किए। सिख ममज्ञ प्रोफेसर लालमोहर उपाध्याय द्वारा लिखी गई गुरु नानक देव का बिहार आगमन का विमोचन प्रबंधक समिति के कनीय उपाध्यक्ष सरदार इंद्रजीत सिंह ने किया। वरीय ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह ने विश्व शांति के लिए अरदास किए। संगतों के बीच कड़ाह प्रसाद के वितरण के बाद संगतों ने पंगत में बैठकर लंगर छके।

उधर, चितकोहरा गुरुद्वारा में भी प्रथम गुरु की जयंती मनाई गई। कोरोना महामारी के कारण सरकार के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए इस बार रविवार को दोपहर दो बजे निकलनेवाले नगर कीर्तन को स्थगित किया गया।

- तख्त श्री हरिमंदिर में शबद-कीर्तन से संगत निहाल

रविवार की शाम तख्त श्री हरिमंदिर में भाई गुरदीप सिंह, भाई गुरमीत सिंह तथा भाई पवनदीप सिंह ने शबद कीर्तन से संगतों को निहाल किया। ज्ञानी सुखदेव सिंह ने प्रथम गुरु के जीवनी पर प्रकाश डाले। प्रथम गुरु की 551 वीं जंयती का मुख्य समारोह सोमवार को मनाया जाएगा।