- शबद कीर्तन और कथा की रस गंगा में संगत भाव-विभोर

PATNA :

सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गो¨वद सिंह के 354वें प्रकाश पर्व पर बुधवार को मुख्य समारोह में भजन-कीर्तन व प्रवचन के बीच राज करेगा खालसा, आकी रहे ना कोय गूंजता रहा। स्टेज की सेवा जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन तथा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित ने किया। वहीं पौष सुदी सप्तमी पर अहले सुबह सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कोहरे के बीच गुरु का बाग स्थित सरोवर में डुबकी लगाई।

दीन दयाल गरीब नवाजा

तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के सजे दीवान में तही प्रकाश हमारा भयो, पटना शहर बिखै भव लयो, दीन दयाल गरीब नवाजा, सदा रहे कंचन काया, जय-जयकार करे सब कोई, सतगुरु मैं पाया, मित्र प्यारे नूर हाल मुरीदा दा कहना समेत अन्य शबद कीर्तन से संगत निहाल हुई। डीडी बिहार के कार्यक्रम प्रमुख डॉ। राजकुमार नाहर की देखरेख में कार्यक्रम का प्रसारण विश्व स्तर पर डीडी नेशनल, भारती, पंजाबी से लाइव प्रसारण किया गया। जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने अरदास किया। इसके बाद जत्थेदार ने संगतों को शस्त्रों का दर्शन कराया।

मानसिक गुलामी को खत्म किया

कथावाचकों में लुधियाना के ज्ञानी ¨पदरपाल सिंह,अमृतसर के ज्ञानी बंता सिंह ने कहा कि पटना की मिट्टी में ताकत है। यहीं जन्में श्री गुरु गो¨वद सिंह ने मानसिक गुलामी को खत्म किया। दशमेश गुरु ने जात-पात छूआछूत के भेद को मिटाकर भारतीय समाज में नई चेतना जागृत किया। इस मौके पर एक दर्जन संतों को सम्मानित किया गया। संतों ने दश्मेश गुरु के जीवनी पर प्रकाश डाला। संतों ने दशमेश गुरु को बार-बार शत-शत नमन किया।

- दो लाख से अधिक संगतों ने लंगर छके

प्रकाशोत्सव में शामिल होने के लिए देश-विदेश से आए संगतों व स्थानीय लोगों ने तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, बाललीला गुरुद्वारा मैनीसंगत, कंगन घाट, कचौड़ी गली, विभिन्न स्कूलों समेत अन्य स्थानों पर दो लाख से अधिक लोगों ने पंगत में बैठ संगतों के साथ लंगर छके।