- पटना के छोटे इलाके में चल रही दुकानों से हो रही रेल टिकट की काला बाजारी

- रियल मैंगो सॉफ्टवेयर का उपयोग कर हैक कर रहे आईआरसीटीसी की वेबसाइट

PATNA :

पटना में ट्रेन टिकट के नेटवर्क में सेंध लगाने के लिए अब दलालों के हाथ रियल मैंगो सॉफ्टवेयर आ गया है। जिसने रेल प्रशासन की नींद उड़ा दी है। दलाल इसके जरिए आईआसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर रेल टिकट बुक कर लेते हैं और आम जरूरतमंद पैसेंजर टिकट नहीं मिलने से मजबूर होकर दोगुने-तिगुने दाम पर इन दलालों से टिकट लेने को मजबूर होते हैं। पुलिस की नजर में न आएं, इसको लेकर दलाल लगातार अपने ठिकाने भी बदल रहे हैं।

बता दें कि हाल ही में पटना जंक्शन, दानापुर, पाटलिपुत्र जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, पटना साहिब स्टेशन के पास ट्रेन टिकट के दलालों के सक्रिय होने की खबर मिली थी। खुलेआम टिकटों की कालाबाजारी हो रही थी। इसके अलावा शहर के साइबर कैफे से भी बड़े पैमाने पर अवैध रूप से ट्रेन की बुकिंग हो रही थी। जब आरपीएफ ने सख्ती बरती तो दलालों ने अपना ठिकाना बदल लिया। अब वे छोटे-छोटे दुकानों में रेल टिकट बुकिंग का धंधा करने लगे। आरपीएफ पटना के इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि रेल टिकट के दलालों को खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। रियल मैंगो सॉफ्टवेयर से अब रेल टिकट का खेल चला रहा है।

एक माह में 50 लाख के टिकट जब्त

इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि रेल टिकट के दलालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। पिछले एक माह के दौरान लगभग 50 लाख रुपए के रेल टिकट दलालों से जब्त किए गए। इस दौरान पांच दलालों को भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पर्सनल आईडी से भारी संख्या में रेल टिकट की बुकिंग दलाल कर रहे हैं जो गैरकानूनी है। उन्होंने बताया कि पटना के विभिन्न इलाकों में रियल मैंगो सॉफ्टवेयर से टिकट बुक करने की लगातार शिकायत मिल रही थी। इसके आधार पर छापेमारी कर दलालों के नेटवर्क को तोड़ने में आरपीएफ जुटा हुआ है।

बदल लिए ठिकाना

बीके सिंह ने बताया कि रेल टिकट के दलालों ने पटना जंक्शन और साइबर कैफे के बदले जूता-चप्पल और बेकरी की दुकानों को अपना ठिकाना बना लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस की नजर से बचने के लिए दलाल ऐसा कर रहे हैं। पहले पटना जंक्शन के आसपास ट्रैवल एजेंसी के नाम पर टिकट का गोरखधंधा हो रहा था। सख्ती के बाद अब पटना जंक्शन और अन्य स्टेशनों से दूर शिफ्ट हो गए हैं।

सॉफ्टवेयर बेचने वाले तक पहुंचेगी आरपीएफ

इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि रेल टिकट के दलालों को सॉफ्टवेयर बेचने वाले तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दलालों से पूछताछ के दौरान पता चला कि सॉफ्टवेयर बेचने वालों को पेटीएम के जरिए भुगतान किया गया था। पेटीएम के नोडल अफसर को लेटर भेज कर यह जानकारी मांगी गई है कि पैसों का भुगतान किसे किया गया है। इसके अलावा दलालों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने बताया दलालों से जब्त कंप्यूटर के सीपीयू की भी जांच की जा रही है। दलालों ने सीपीयू से डाटा डिलीट कर दिया है। उसे कंप्यूटर विशेषज्ञ से रिस्टोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक्सपर्ट से रियल मैंगो सॉफ्टवेयर की जांच कराई जा रही है कि दलाल कैसे आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर टिकट बना रहे हैं।

केस 1

रामकृष्ण नगर से 12 लाख के टिकट बरामद

आरपीएफ ने 19 सितंबर, 2020 को पटना के रामकृष्ण नगर इलाके के एक जूते-चप्पल की दुकान पर छापेमारी कर आरपीएफ ने 12 लाख रुपए के ई रेल टिकट को बरामद किया था। दुकानदार पर्सनल आईडी से आईआरसीटीसी की वेबसाइट से रेल टिकट की बुकिंग कर रहा था। आरपीएफ के इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि यहां रियल मैंगो सॉफ्टवेयर के जरिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट हैक कर टिकट बनाए जा रहे थे।

केस 2

बेकरी की दुकान से मिले 22 लाख के टिकट

आरपीएफ पटना की टीम ने इसी साल 10 सितंबर को आलमगंज थाना इलाके में बेकरी की दुकान में छापेमारी कर 22 लाख रुपए के ई रेल बरामद किया। आरपीएफ ने मोहम्मद कासिफ जाकिर नाम के दलाल को गिरफ्तार किया था। वह दर्जनों सॉफ्टवेयर के जरिए ई टिकट बनाकर भारी मुनाफा कमाता था। वह काफी समय से रेल टिकट की कालाबाजारी कर रहा था। सूचना मिलने पर आरपीएफ ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया था। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद बेकरी की दुकान में छापेमारी कर दलाल को गिरफ्तार किया गया।

इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि दुकान के आगे टिकट दलाल बेकरी का उत्पाद बेचता था। दुकान के पीछे ई टिकट बनाता था।

रेल टिकट नेटवर्क को हैक करने के लिए दलाल इन प्रमुख सॉफ्टवेयर्स का करते हैं इस्तेमाल -

रियल मैंगो

एएनएमएस

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