-हाईकोर्ट ने दिया आदेश, 3364 सहायक प्रोफेसर की होनी है बहाली

PATNA: बिहार के विश्वविद्यालयों में फ्फ्म्ब् सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय त्रिपाठी की कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें सहायक प्रोफेसर के लिए इंटरव्यू और रिजल्ट प्रकाशन पर रोक लगा दी गई थी। बिहार के विश्वविद्यालयों मे टीचर्स की कमी को देखते हुए क्फ् सितंबर ख्0क्ब् को सहायक प्रोफेसर की नियुक्तिका विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शुरू की गई थी।

शेष विषयों का होगा इंटरव्यू

समाजशास्त्र विषय की कैंडिडेट अर्चना भारती की ओर से वरीय अधिवक्ता यदुवंश गिरि ने कोर्ट से कहा कि नियुक्तिप्रक्रिया में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। यह विश्वविद्यालय और लोक सेवा आयोग के बीच का मामला है। इसमें राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। इस साल इंटरव्यू दे चुके कई कैंडिडेट रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे कि अचानक राज्य सरकार ने रिजल्ट प्रकाशन पर रोक लगा दी। शेष विषयों के इंटरव्यू को भी रोक दिया गया। कोर्ट सरकारी वकील से राज्य सरकार का पक्ष जानना चाहा लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नियुक्तिप्रक्रिया से रोक हटा दी। कोर्ट के आदेश के बाद अब शेष विषयों का इंटरव्यू होगा और रिजल्ट प्रकाशित किया जाएगा।