पटना ब्‍यूरो। पूर्ण हार्ट ब्लॉक के बाद आफत में फंसे एक मरीज को पटना में जीवनदान मिल गया। बिहारशरीफ में रहने वाले 55 वर्षीय रविशंकर सिंह (बदला हुआ नाम)काम करते वक्त अचानक बेहोश हो गए। उनके दिमाग और शरीर ने काम करना बंद कर दिया। उनके हृदय की गति बहुत धीमी हो गयी। उन्हें तत्काल सीपीआर देकर फोर्ड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पटना लाया गया। (जब किसी पीडि़त को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो बेहोश हो जाए तो सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन से उसकी जान बचाई जा सकती है। ) यहां जांच करायी गयी तो पता चला कि उनका हर्ट ब्लॉक हो गया है। इसके बाद जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। बीबी भारती ने उनका इलाज शुरू किया। सबसे पहले तात्कालिक रूप से अस्थायी पेसमेकर डालकर उनके हृदय की गति को सामान्य किया गया। इलाज के दौरान मरीज लगातार दो दिन तक वेंटिलर पर रहे। इस दौरान उन्हें स्थाई रूप से पेसमेकर लगाया गया।
डॉ। भारती ने बताया कि हृदय में रुकावट की समस्या किसी भी व्यक्ति में खासकर उम्रदराजों में अचानक आ सकती है। दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में दिक्कत आने की स्थिति में ऐसा होता है। दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम का काम धड़कनों को बनाना और इनकी गति को नियंत्रण में रखना है। ऐसा न होने पर दिल सही तरह से खून शरीर तक नहीं पहुंचा पाता है। उन्होंने बताया कि इलाज के बाद मरीज अब खतरे से बाहर है।
इस मरीज के इलाज में डॉ। सुशांत पाठक, डॉ। अनिल कुमार सिंह और कार्डियो सर्जन डॉ। मनमोहन ने डॉ। बीबी भारती का सहयोग किया।