AURANGABAD: औरंगाबाद जिले के दाउदनगर उपकारा से बुधवार को रिहा हुए विकास राज के शरीर पर दिख रहे दर्जनों लाल निशान पुलिस की बर्बरता की कहानी बताते हैं। उसे शराब के नशे में मुफस्सिल थाना की पुलिस ने 31 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बुधवार को जमानत पर उसे रिहा किया गया।

डीएम से की न्याय की मांग

गुरुवार को उसने जिला पदाधिकारी और सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आवेदन देकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने और न्याय की मांग की है। आवेदन में विकास राज ने कहा है कि उत्पाद न्यायालय औरंगाबाद से आठ जून को जमानत मिली। सुबह 11:30 बजे उसका भाई अविनाश कुमार उपकारा में बेल बांड साइन कराने के लिए आया। इसी बीच गेट पर मौजूद सिपाही आरके यादव ने 500 रुपये की मांग की। नहीं देने पर सिपाही चला गया। जब भाई ने 100 रुपये देने की बात स्वीकार कर ली तब बेल बांड अंदर भेजा गया। पीडि़त के अनुसार नौ जून की सुबह लाठी से बुरी तरह मारा गया। पैर, बांह और पीठ पर जख्म के गहरे निशान हैं। आरोप लगाया है कि उपकारा से देर शाम छोड़ा गया, ताकि कहीं भी शिकायत नहीं की जा सके। उसने सदर अस्पताल में अपना इलाज कराया। विकास ने दोषी सिपाहियों और अन्य पर कार्रवाई करने के साथ न्याय देने की मांग की है।

खुद उसे उपकारा से रिहा किया था। रिहा करते समय उसने मारपीट होने को लेकर कोई शिकायत नहीं की। अगर ऐसी शिकायत वह करता तो अवश्य ही संज्ञान लेते।

-बिपिन बिहारी सिंह, सहायक जेल अधीक्षक, दाउदनगर