पटना (ब्यूरो)। पटना में डेंगू का असर तेजी से फैल रहा है। बुधवार को पटना में पीएमसीएच में तीन नए केस मिलने की पुष्टि हुई है। इसके साथ यहां डेंगू का आंकड़ा 309 हो चुका है। इसमें एनएमसीएच में भी एक न्यू केस शामिल है। पीएमसीएच की जांच रिपोर्ट में मिले तीन नए मामलों में पीएमसीएच हॉस्टल, हरनीचक, बाइपास और बेऊर के केस शामिल हैं। अब तक पटना के सभी इलाकों से डेंगू के केसेज मिल चुके हैं। लेकिन इसमें एक समस्या डॉक्टर्स बता रहे कि डेंगू बीमारी को भी लोग आम सर्दी बुखार की तरह ही ले रहे हैं। डेंगू में बदन दर्द महसूस होने पर लोग दर्द की दवा ले रहे हैं। इसे लेकर डॉक्टर्स ने अलर्ट कराया है। सीनियर फिजिशियन डॉ दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि दर्द की दवा हरगिज नहीं लेना चाहिए, यदि डेंगू हो तो। आइबीप्रूफेन, एस्प्रीन, कांट्रेइंडीकेट आदि दवाएं नहीं लेनी चाहिए। वहीं पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ राज किशोर शर्मा का कहना है कि डेंगू में सेल्फ मेडिकेशन बिल्कुल न करे। हालत बिगडऩे पर प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लीडिंग भी हो सकती है।

ये लक्षण हो तो रहें अलर्ट
वैसे तो डेंगू की जांच करने पर जब डेंगू का केस पाजिटिव आ गया तो डेंगू है। लेकिन एक व्यक्ति किन लक्षणों के आधार पर डेंगू को लेकर अलर्ट हो। इस बारे में सीनियर फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ पंकज हंस ने बताया कि बुखार, शरीर में दर्द, आंख में दर्द, जोड़ो में दर्द आदि शुरूआती लक्षण है। जब प्लेटलेट घटने लगे तो शरीर पर दाने निकलने लगते हैं। यदि बुखार, शरीर में दर्द और आखों में भी दर्द हो तो डेंगू की जांच अनिवार्य तौर पर करा लें।

निगम ने तेज किया अभियान
डेंगू को लेकर पटना नगर निगम भी सक्रिय हो गया है। जल जमाव वाले और सघन आबादी वाले क्षेत्रों में निगम की टीम एंटी लार्वीसाइडल का भी छिड़काव कर रही है। इसमें विशेष तौर पर निचले इलाकों, जहां जलजमाव होता है और मच्छर पनपने की संभावना होती है, वहां विशेष अभियान चल रहा है।

डेंगू में तेज बुखार होता है, इसके साथ ये लक्षण भी हो सकते हैं।
- सिर दर्द
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी लगना
- आंखों के पीछे दर्द
- ग्रंथियों में सूजन
- स्किन पर लाल चकत्ते होना

इन बातों का ध्यान दें
- सेल्फ मेडिकेशन से बचे।
- मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।
- शरीर में पानी की कमी न हो।
- हाइड्रेशन की कमी हो तो ओआरएस लेते रहें।
- फीवर हो तो सर को गीला कपड़ा से बार-बार पोछते रहे।
- किडऩी खराब हो तो विशेष सावधानी बरतें।
- यदि बीपी कम होने लगे और बॉडी में रैसेज आने लगे तो यह डेंगू खतरनाक है।
- प्लेटलेट बहुत कम होने होने पर ब्लीडिग़ हो सकती है। यह स्टूल में दिख सकता है।

डेंगू हो तो ये न खाएं
डेंगू के पेशेंट को ऑयली फूड बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। इस समय हल्का खाना सबसे अच्छा रहता है। ऑयली फूड में फैट बहुत ज्यादा होता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल बढऩे की संभावना रहती है। ऐसे फूड के सेवन से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और रिकवरी में दिक्कत पेश आ सकती है।

डेंगू में प्लेटलेट की कमी होने लगता है और दर्द की दवा नहीं लेनी चाहिए। यह नुकसानदेह है। इससे ब्लीडिग़ होने की संभावना हो सकती है। बहुत दर्द और फीवर हो तो केवल पारासीटामोल ले।
- डॉ दिवाकर तेजस्वी, सीनियर फिजिशियन
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जिन लोगों के किडऩी खराब है और डेंगू हो गया हो तो ऐसे पेशेंट को डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे पेशेंट के मामले में पेशाब कम लगता है। डेंगू होने पर इनका क्रेटनीन बढ़ जाता है।
- डॉ पंकज हंस, सीनियर नेफ्रोलाजिस्ट

सेल्फ मेडिकेशन से बचना चाहिए। शरीर में पानी की कमी न होने दे। बुखार हो तो यह जांच कराकर सुनिश्चित कर लें कि यह डेंगू है या कोई और बीमारी।
- डॉ राजकिशोर शर्मा, डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायलाजी

डेंगू के नए मामले
- पीएमसीएच 13 जांच
- तीन नए केस मिले

- एनएमसीएच 05 जांच
- 01 नए केस मिले