पटना (ब्यूरो)। बच्चों के बार-बार बीमार होने से चिंतित माता-पिता के लिए अच्छी खबर है। पटना के राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज ने आयुर्वेद की हजारों साल पुरानी स्वर्ण प्राशन की परंपरा को जीवित किया है। इसे बच्चों को हर महीने में समय के अनुसार दिया जाता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। द्रव्य रूप में उपलब्ध इस औषधि की एक-एक बूंद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाएगी। यह औषधि हर माह पुष्य नक्षत्र में दी जा रही है। स्वर्ण प्राशन लेने वाले बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट हो रही है। इस वजह से हर महीने बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को लेकर यहां पहुंच रहे हैैं और उन्हें खुराक दिलवा रहे हैैं।

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बीमारियों का कारण

कालेज में बाल रोग विभाग के चिकित्सक डा। अरविंद चौरसिया ने बताया एक से सोलह वर्ष तक के बच्चों के बार-बार बीमार होने का कारण उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता है। बीमारी से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है। विटामिन डी व खून की कमी हो जाती है। लंबाई पर असर पड़ता है। कॉलेज प्राचार्य डॉ (प्रो.) संपूर्णानन्द तिवारी, अधीक्षक डॉ (प्रो.) विजयशंकर दुबे, उपाधीक्षक डॉ। धनंजय शर्मा के मार्गदर्शन में स्वर्णप्राशन पर कार्य शुरू किया गया था।

ये है स्वर्णप्राशन औषधि

डॉ। चौरसिया ने बताया कि शहद व देसी घी में स्वर्ण के नैनो पार्टिकल के साथ कुछ बल व बुद्धिवर्धक बूटी मिलाकर 6 घंटे कूटने के बाद औषधि तैयार की गई है। यह बच्चों के लिए काफी लाभकारी है।

करीब 18 हजार बच्चों की दी जा रही खुराक

आयुर्वेदिक कॉलेज के बाल रोग विभाग में 2019 से अबतक करीब 18 हजार बच्चों को यह खुराक दी गई है। शनिवार 4 फरवरी 2023 को भी करीब 326 बच्चों को स्वर्ण प्राशन करवाया गया। स्वर्णप्राशन लेने वाले बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में कम बीमार हुए। वे ऊर्जावान भी अधिक पाए गए। स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है। पुष्य नक्षत्र में औषधि देने का कोई ज्योतिषीय कारण नहीं। जनजागरुकता के लिए विशेष दिन निर्धारित किया है।

पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दी जाती है खुराक

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ चौरसिया ने बताया कि इस औषधि को पिलाने के पश्चात कोई गंभीर उपद्रव नही देखा गया। इसकी अगली खुराक अगले माह चार मार्च (शनिवार) को दी जाएगी, जिसका निबंधन 24 फरवरी (शुक्रवार) से किया जाएगा। पुराने बच्चों के अतिरिक्त 50 नये बच्चों का निबंधन किया जायेगा। निबंधन पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर होगा। बिना निबंधन के यह औषधि नही दी जायेगी।


ठंड में सर्दी-जुकाम से बचाव

मेरी बेटी नव्या तीन साल की है। आज इसका तीसरी खुराक दिलाने आई हूं। मेरे पिताजी ने स्वर्णप्राशन के बारे में बताया था। तब से मैं अपनी बिटिया को यह खुराक दिला रही हूं। ज्यादा तो नहीं लेकिन ठंड में इसका लाभ दिखा। सर्दी जुकाम से यह बच्ची रही।