पटना ब्‍यूरो। रामकृष्ण द्वारिका महाविद्यालय पटना में भारतीय इतिहास, विरासत तथा संस्कृति विषय पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली एवं इतिहास विभाग रामकृष्ण द्वारिका महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला का उ‌द्घाटन करते हुए माननीय कुलपति, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना ने इतिहास एवं विरासत की प्रासंगिकता वर्तमान सक्षम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दर्शाया और इस प्रकार के कार्यशाला द्वारा युवाओं को प्रेरित कर जान परंपरा की समृ‌धि एवं विश्व गुरु की अवधारणा के लिए एक बार पुनः अग्रसर होने हेतु मार्गदर्शित किया । मुख्य अतिथि प्रोफेसर नवल किशोर यादव, सदस्य, बिहार विधान परिषद ने वर्तमान बिहार एवं शिक्षा पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता प्रोफेसर प्रदीप वर्मा, सलाहकार, भारतीय प्रौद्‌योगिकी संस्थान, मुंबई ने विस्तार से बिहार एवं भारतीय इतिहास एवं समृद्ध विरासत पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में इसकी प्रासंगिकता को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रोफेसर अरुण कुमार भगत, माननीय सदस्य, बिहार लोक सेवा आयोग ने अपने संबोधन में संस्कार, संस्कृति एवं विकृति को समझाते हुए अपने विचारों द्वारा मार्गदर्शित किया।
इस आयोजन के आयोजक संयोजक महावि‌द्यालय के प्रधानाचार्य डॉ। जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला का विषय प्रवेश कराया। इस क्रम में वर्तमान समाज एवं राष्ट्र की सभ्यला से इतिहास की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इतिहास पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शिक्षा दर्शन एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक अखंड राष्ट्र की अवधारणा एवं एक राष्ट्र एक विधान एवं एक निशान पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में स्टेट नॉडल ऑफिसर डॉ० रश्मि कुमारी उपस्थित रही।

इस अवसर पर विश्वविद्‌यालय के शिक्षक, छात्र एवं छात्राओं की उपस्थिति रही। मंच संचालन डॉ मुकेश कुमार एवं डॉ0 भावना सिहं ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ० रामा कांत शर्मा, अध्यक्ष, इतिहास विभाग एवं आयोजन समन्वयक के दवारा किया गया। इस अवसर पर पाटलिपुत्र विश्वविद्‌यालय के प्रो० राजीव रंजन, प्रो० निखिल कुमार सिंह, प्रो० योगेंद्र कुमार, डॉ० धीरेंद्र उपाध्याय, डॉ० (ले०) आशिष कुमार, डॉ० ब्रजेश राय, डॉ० प्रधान दूर्गा शंकर प्रसाद, डॉ० रविरंजन प्रसाद, डॉ० उमेश कुमार, डॉ० अरूण कुमार शर्मा, डॉ० शेखर जायसवाल, डॉ० अमर कुमार, डॉ० अविनाश रंजन, डॉ० सरिता कुमारी, डॉ० जया, डॉ० निधी, डॉ० सुनिता, डॉ० मयूराक्षी रानी, डॉ० शिल्पी शिवानी, डॉ० स्मृति कुमारी, डॉ० मंगलमूर्ति महाविद्यालय शिक्षक, कर्मचारी संघ अध्यक्ष संजय कुमार एवं लेखापाल पेम कुमार एवं NCC, NSS के छात्र-छात्राएँ भी कार्यशाला में उपस्थित रहकर अपना योगदान दीये तथा प्रतिभागी सौ शोध प्रज्ञ को मनानीय कुलापति जी के द्वारा सभी को प्रमाण पत्र दिया गया। शुरू में ही तमाम अतिथियों को बुके, शौल, मोमेन्टो तथा गमला सहित विभिन्न प्रकार के पौधे दिये गये। अंत में राष्ट्रीय गान गाकर कार्यशाला के कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई। विशेष तौर पर पी० के० चौधरी, अंजनी कुमार गुप्ता, शालनी शेखर सिहां, संजीव कुमार पाल एवं लालु कुमार उपस्थित रहे।