सोमवार को आई नेक्स्ट की पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। सेंटर पर एग्जाम देने आए कुछ छात्रों ने दावा किया कि आईटीआई के सभी पेपरों में इस तरह का खेल हुआ है। परीक्षा की पूर्व संध्या में ही पेपर मिल जाते थे। कुछ चिह्नित छात्रों को तो इसका बकायदा उत्तर तक उपलब्ध करा दिया जाता था। वैसे उत्तर सुबह मिलते थे। इसके लिए मोटी रकम वसूली जाती थी। आई नेक्स्ट की खबर को लेकर केंद्र संचालकों के बीच चर्चा गर्म रही। इसके साथ ही मंडे को खास एहतियात भी बरती जा रही थी। स्टूडेंट को तय कार्यक्रम के हिसाब से केंद्रों पर परीक्षा हुई, बने बनाए आंसर सीट भी दिए गए लेकिन किसी भी स्टूडेंट को मोबाइल अंदर ले जाने नहीं दिया गया.
सेंटर्स पर दिखे 'मुन्ना भाई'
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक छात्र ने बताया कि मैं दिल्ली रहता हूं, न आज तक क्लास गया और न ही खुद से एग्जाम दिया। सब पैसा खर्च करने पर हो जाता है और नंबर भी अच्छा आता है। ऐसे छात्रों की संख्या बहुत है.
केंद्र सरकार की गड़बड़ी: मंत्री
श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि क्वेश्चन लीक होने के मामले में हमारे विभाग की लापरवाही नहीं है। क्वेश्चन पेपर एक दिन पहले लीक हुई है और हमें यह क्वेश्चन एग्जाम के दिन बैंक से मिलता है। कहा कि इसमें भारत सरकार के प्रतिष्ठान की गलती है तभी एक दिन पहले क्वेश्चन बैंक से आउट हो गया.
प्रकाश ने कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही हमने भारत सरकार के संबंधित विभाग को इसकी सूचना दी और एग्जाम को कैंसिल कराया। किसी दूसरे के नाम पर परीक्षा देने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि हमने इसे गंभीरता से लिया है और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
फिलहाल 22 फरवरी की परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही जांच के आदेश भी दिए गए हैं। अगर कोई बड़ी गड़बड़ी पाई जाती है तो अन्य परीक्षाएं भी कैंसिल की जाएंगी। लेकिन इसमें हमारे विभाग की गलती नहीं है। बैंक से यह गड़बड़ी हुई है। इसमें भारत सरकार की संस्थान दोषी हैं। इस बाबत हमें केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय को भी सूचना दी है.
-विजय प्रकाश, मंत्री, श्रम संसाधन विभाग
सभी पेपरों में हुआ है 'खेल'!
सोमवार को आई नेक्स्ट की पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। सेंटर पर एग्जाम देने आए कुछ छात्रों ने दावा किया कि आईटीआई के सभी पेपरों में इस तरह का खेल हुआ है। परीक्षा की पूर्व संध्या में ही पेपर मिल जाते थे। कुछ चिह्नित छात्रों को तो इसका बकायदा उत्तर तक उपलब्ध करा दिया जाता था। वैसे उत्तर सुबह मिलते थे। इसके लिए मोटी रकम वसूली जाती थी। आई नेक्स्ट की खबर को लेकर केंद्र संचालकों के बीच चर्चा गर्म रही। इसके साथ ही मंडे को खास एहतियात भी बरती जा रही थी। स्टूडेंट को तय कार्यक्रम के हिसाब से केंद्रों पर परीक्षा हुई, बने बनाए आंसर सीट भी दिए गए लेकिन किसी भी स्टूडेंट को मोबाइल अंदर ले जाने नहीं दिया गया।
सेंटर्स पर दिखे 'मुन्ना भाई'
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक छात्र ने बताया कि मैं दिल्ली रहता हूं, न आज तक क्लास गया और न ही खुद से एग्जाम दिया। सब पैसा खर्च करने पर हो जाता है और नंबर भी अच्छा आता है। ऐसे छात्रों की संख्या बहुत है.
केंद्र सरकार की गड़बड़ी: मंत्री
श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि क्वेश्चन लीक होने के मामले में हमारे विभाग की लापरवाही नहीं है। क्वेश्चन पेपर एक दिन पहले लीक हुई है और हमें यह क्वेश्चन एग्जाम के दिन बैंक से मिलता है। कहा कि इसमें भारत सरकार के प्रतिष्ठान की गलती है तभी एक दिन पहले क्वेश्चन बैंक से आउट हो गया.
प्रकाश ने कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही हमने भारत सरकार के संबंधित विभाग को इसकी सूचना दी और एग्जाम को कैंसिल कराया। किसी दूसरे के नाम पर परीक्षा देने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि हमने इसे गंभीरता से लिया है और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
फिलहाल 22 फरवरी की परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही जांच के आदेश भी दिए गए हैं। अगर कोई बड़ी गड़बड़ी पाई जाती है तो अन्य परीक्षाएं भी कैंसिल की जाएंगी। लेकिन इसमें हमारे विभाग की गलती नहीं है। बैंक से यह गड़बड़ी हुई है। इसमें भारत सरकार की संस्थान दोषी हैं। इस बाबत हमें केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय को भी सूचना दी है.
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