- जिले के नौ थानों में कुख्यात पर दर्ज हैं अपराधिक मामले, नाम के साथ रूप बदलने में भी माहिर

GOPALGANJ: गोपालगंज जिले की पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात मुन्ना मिश्रा नाम के साथ रूप बदलने में माहिर है। इसकी यही कला उसे दो माह तक बचाती रही। कुख्यात मुन्ना मिश्रा पर जिले के नौ थाने में 31 मामले दर्ज हैं। सिवान व यूपी में भी उसपर कई मामले दर्ज है।

प्रेस कांफ्रेंस में एसपी आनंद कुमार ने बताया कि दो दशक से अपराध की दुनिया में रहने वाला मुन्ना मिश्रा सात साल पूर्व जेल गया था। जेल से छूटने के बाद अपराध की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। करीब दो माह पूर्व कटेया थाना क्षेत्र के जमुनहां बाजार पर शिक्षक दिलीप सिंह की कुख्यात मुन्ना मिश्रा ने पैसे के लिए हत्या कर दी। हत्या के बाद पुलिस ने उसके गिरोह के करीब आधा दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मुन्ना मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए हथुआ एसडीपीओ नरेश कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी लगातार खोजबीन करते रहे। लेकिन वह यूपी के देवरिया, गोरखपुर व बलिया के साथ तमकुही में रूप और नाम बदल कर रहता था। कुख्यात की गिरफ्तारी के जब पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि कुख्यात मुन्ना मिश्रा उर्फ दिलीप मिश्रा उर्फ मनोज मिश्रा व एकनयन के नाम से भी अपना पता व ठिकाना बदलता था। कभी पंडित बनकर लोगों के घर पूजा पाठ कराने तो कभी शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाने का कार्य करता था। मुन्ना मिश्रा पर दर्ज अपराधिक मामले में कटेया थाने में बीस, मांझा, थावे, नगर थाना, भोरे, उचकागांव व विजयीपुर सहित अन्य थानों में 31 मामले दर्ज हैं। वही यूपी व सिवान में भी कई अपराधिक मामले दर्ज है।

संपत्ति होगी जब्त

कटेया थाना क्षेत्र के पानन महुअवा गांव निवासी मुन्ना मिश्रा की अपराध की दुनिया से पैसे की उगाही कर बनाई गई संपत्ति को जब्त करने की प्रकिया शुरू कर दी गई है।

कहां से मिली एके 47, हो रही जांच मुन्ना मिश्रा को एके 47 हथियार कहां से मिली। पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यूपी व चंपारण के गिरोह द्वारा मोटी रकम लेकर एके 47 मुहैया कराई गई है। मुन्ना अपराध को अंजाम देने के बाद यूपी के देवरिया के साथ गोपालगंज जिला मुख्यालय में भी दो जगहों पर आकर रहता था। उसकी गिरफ्तारी के लिए सारण डीआइजी मनु महाराज पुलिस व एसटीएफ की टीम के संपर्क थे।