पत्नी को भेजने लगा दोस्त के पास

मुंगेर की रहने वाली आरती (बदला नाम) की शादी 2008 में लखनऊ के राहुल से हुई। शादी के कुछ दिनों बाद से ही आरती को अग्नि परीक्षा देने की नौबत आ गई। जो रक्षक था, वही भक्षक बनने लगा। दहेज के लोभी राहुल ने आरती को जलील करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, वह पत्नी को जबरदस्ती अपने दोस्त के पास भेजने लगा। एक दिन आरती के इंकार करने पर राहुल ने उसे मारना चाहा, फिर आरती किसी तरह पुलिस की हेल्प से मायके आई।

जैसे-तैसे भाग आई प्रतिमा

प्रतिमा (बदला नाम ) की शादी रांची के रहने वाले मोहित से हुई। मोहित पेशे से एडवोकेट है। वकालत की आड़ में मोहित ने प्रतिमा को प्रताडि़त करना शुरू किया। दिनभर प्रतिमा को घर में बंद रखता था और कुछ भी खाने को नहीं देता था। ना किसी से बात करने देता और ना ही कहीं बाहर जाने देता। इतना ही नहीं, एक दिन तो उसने अपने ही बेटे को मारने की कोशिश की। प्रतिमा वहां से जैसे-तैसे पुलिस की मदद से बच्चे को लेकर भाग आई।

इंटर स्टेट मैरिज के बाद हो रही प्रताडि़त

प्रतिमा और आरती अकेली नहीं हैं। इन दिनों महिला आयोग के पास इस तरह के 10 से 15 केसेज हैं, जिसमें महिलाएं अपने ही लोगों द्वारा प्रताडि़त की गई हैं। इसमें इंटर स्टेट मैरिज के कारण महिलाएं प्रताडि़त हो रही हैं। झूठ और ठगी की आड़ में पहले शादी कर लेते हैं, फिर उनका यूज करने लगते हैं। पहले तो लड़की समझ नहंीं पाती और जब तक समझती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

अब तक नहीं मिला इंसाफ

केस करने के बाद पहले तो पति द्वारा इग्नोर किया जाता है, पर जब आयोग द्वारा समन दिया जाता है या फिर आयोग पुलिस की मदद लेती है, तब वह आयोग में आता है। फिर केस का दौर शुरू होता है। आरती जुलाई 2010 में आई, पर अभी तक सिर्फ डेट पर डेट ही मिल रही है। 28 अगस्त 2012 को उसके केस का फाइनल डिसीजन होगा। प्रतिमा भी आयोग के पास 2011 में आई थी, पर अब तक उसे न्याय नहीं मिल पाया है।

बिहार राज्य महिला आयोग में रजिस्टर्ड केसेज

केस नंबर       -           स्टेट

1282 11     -    गया की लड़की और लखनऊ का लड़का

1434 11     -    नालंदा की लड़की और रांची का लड़का

1357 11     -    दरभंगा की लड़की और बनारस का लड़का

1372 11     -    बिहारशरीफ की लड़की और हैदराबाद का लड़का

521   11     -    दरभंगा की लड़की और अहमदाबाद का लड़का

नोट : इसके अलावा भी कई केसेज हैं, जो अभी प्रॉसेस में हैं।

'इधर कुछ सालों में ऐसे केसेज आने लगे हैं। हम तो लड़कियों को जल्द से जल्द अधिकार देना चाहते हैं, पर दूसरे स्टेट का होने के कारण समय लगता ही है। जब हम पुलिस की मदद लेते हैं, तभी आरोपी आयोग में आता है। वैसे हमारी कोशिश है कि इस तरह के केस को जल्द से जल्द निपटाया जाए.'

कहकशां परवीन

अध्यक्ष, बिहार राज्य महिला आयोग