- सर्वार्थ सिद्धि योग में साधु-संतों की 12 को

PATNA :

पटनाइट्स इस बार न सिर्फ अपने घरों में जन्माष्टमी मिलकर मनाएंगे बल्कि भगवान श्रीकृष्ण से कोरोना को दूर भगाने का वरदान भी मांगेंगे। कृष्ण जन्माष्टमी का पावन त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष को अर्धरात्रि व्यापनी अष्टमी तिथि को कृतिका नक्षत्र में मनाई जाएगी। भगवान विष्णु ने पृथ्वी को पापियों से मुक्ति दिलाने के लिए इसी दिन मध्यरात्रि में अवतार लिया था। तब से ही इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और भक्ति से मनाते हैं। आगामी 11 अगस्त दिन मंगलवार को अष्टमी तिथि, कृतिका नक्षत्र व सिद्धि योग होने से अत्यंत पुण्यकारक योग बन रहा है। वहीं वैष्णव संप्रदाय व साधु संतों की कृष्णाष्टमी 12 अगस्त दिन बुधवार को उदया तिथि अष्टमी एवं कृतिका नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ सिद्धियोग में मनाई जाएगी। इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5247 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गृहस्थ लोग भगवान के गर्भ में रहने पर जन्माष्टमी मनाते हैं, वहीं वैष्णव जन्म के बाद मनाते हैं।

तीन जन्म के पापों से मिलेगी मुक्ति

ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र व पंचागीय गणना के अनुसार जन्माष्टमी मेष राशि के चंद्रमा की साक्षी में सिद्धि योग, बव करण तथा कृतिका नक्षत्र में मनायी जाएगी। जन्माष्टमी पर सिद्धि योग एवं मेष लग्न होने से यह व्रत और भी पुण्य फलदायी हो गया है। इस योग में भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा एवं व्रत करने से तीन जन्म के पापों से मुक्ति मिलेगी। जन्माष्टमी के दिन ग्रह-गोचरों के इस खास संयोग में श्री कृष्ण की पूजन एवं व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मनोवांछित वर व सिद्धि की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि विगत साल 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई गयी थी ।

संतान सुख की होगी प्राप्ति

पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को सिद्धि योग और मेष लग्न में जन्माष्टमी का पावन त्योहार मनाया जायेगा। इस दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी दुखों व शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति व प्रेम की सद्भावना जागृत होती है। इस दिन श्री कृष्ण प्रसन्न की पूजा, आराधना एवं लीला की गुणगान करने से संतान संबंधित सभी विपदाएं दूर हो जाती हैं। श्री कृष्ण अपने भक्तों के सभी कष्टों को भी हर लेते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त-

गुली काल मुहूर्त: 10:16 बजे से 11:54 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त:- दोपहर 11:28 बजे से 12 :20 बजे तक

निशित पूजा मुहूर्त: मध्यरात्रि 12:05 बजे से 12:47 बजे तक

मनोकामना पूíत के लिए ये करें अíपत :

धन एवं वंश वृद्धि के लिए- पीत पुष्प में इत्र लगाकर अर्पण करें

वैवाहिक तथा न्यायिक कार्य में सफलता के लिए - हल्दी एवं केसर चढ़ाएं

स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से मुक्ति के लिए - गुड़ से निíमत खीर व हलवा का भोग लगाएं

सौंदर्य तथा निरोग काया की प्राप्ति के लिए - माखन एवं दूध से बनी वस्तु का भोग लगाएं

इसका करें पाठ और जाप

पाठ- गोपाल सहस्त्रनाम, विष्णु सहस्त्रनाम

मंत्र- श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम :