पटना (ब्यूरो) । जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में पेशेंट परेशान रहे। स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवा को ठप कर दिया। ओपीडी में इलाज के लिए पेशेंट दिन भर इधर-उधर भटकते नजर आए। एनएमसीएच में बिना सूचना दिए जूनियर डॉक्टर्स ने खुद को काम से अलग रखा और रजिस्ट्रेशन काउंटर को भी बंद कराया। वहीं पीएमसीएच में सुबह से ही इंटर्न एमबीबीएस डाक्टर्स के द्वारा जबरन रजिस्ट्रेशन बंद कराने का खासा प्रभाव रहा। इसे लेकर पेशेंट पर दोहरी मार पड़ रही है। इसमें जहां एक ओर सैंकड़ों नए और पुराने पेशेंट लौट गए। वहीं, दूसरी ओर, शहर में डेंगू के नए मामलों में तेजी आ रही है। जानकारी हो कि बुधवार को एक सरकारी अधिकारी की डेंगू से मौत के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। गुरुवार को अकेले पीएमसीएच में डेंगू के 20 नए मामलों की पुष्टि हुई।

दर्द लेकर लौटे पेशेंट
पीएमसीएच और एनएमसीएच में गुरुवार सुबह से ही पेशेंट की भीड़ थी। दूर-दराज के इलाके से आने वाले पेशेंट सुबह से ही लाइन में लगे हुए थे। पीएमसीएच में रजिस्ट्रेशन काउंटर खुलने के बाद कुछ देर तक ही पेशेंट का रजिस्ट्रेशन हो पाया। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स ने काउंटर को बंद करा दिया। इसके अलावा ओपीडी सेवा को भी बाधित किया। इससे अधिकांश पेशेंट को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा।

मायूस दिखे पेशेंट
एनएमसीएच में सुबह से ही सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर और ओपीडी को हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स ने बाधित किया। इससे इलाज से वंचित पेशेंट और उनके परिजन मायूस दिखे। रजिस्ट्रेशन काउंटर खुलने पर 800 नए और 221 पुराने पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ। ओपीडी में सीनियर डॉक्टर कुछ ही पेशेंट को देख पाए थे कि हड़ताली डॉक्टर वहां पहुंच कर इलाज की व्यवस्था ठप कर दी। सुबह 11 बजे के बाद से ओपीडी पूरी तरह बाधित कर दिए जाने के कारण दूर-दराज आए मरीजों को लौटना पड़ा। कई पेशेंट और उनके परिजनों ने हड़ताल पर नाराजगी जताई।

पीएमसीएच में 20 डेंगू मिले
पीएमसीएच में एक ओर इंटर्न एमबीबीएस के स्टूडेंट्स स्ट्राइक पर रहे तो दूसरी ओर डेंगू के पेशेंट भी बढ़े। पीएमसीएच के माइक्रोबायलॉजी डिपार्टमेंट में कुल 60 डेंगू जांच की गई। इनमें से 20 लोगों में डेंगू होने की पुष्टि हुई। पीएमसीएच प्रशासन के अनुसार, अभी यहां डेंगू वार्ड में दो पेशेंट हैं और कुल 12 बेड की क्षमता है। उधर, एनएमसीएच के मेडिसीन विभाग के दूसरे तल पर डेंगू वार्ड में दो पेशेंट एडमिट हैं। यहां भी नियमित रूप से डेंगू जांच हो रही है।

इसलिए हड़ताल
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि
अभी मात्र 15 हजार रुपए स्टाइपेंड मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 35 हजार होना चाहिए। क्योंकि तमाम मेडिकल कॉलेज में 35 हजार रुपए मिल रहे हैं। इधर, इनकी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया।


इंटर्न एमबीबीएस के स्टूडेंट्स ने कार्य बहिष्कार किया। लेकिन हमें इसके बारे में लिखित सूचना नहीं दी गई थी। रजिस्ट्रेशन काउंट को बंद कराया गया। इस दौरान उन्हें काम पर लौटने को कहा गया।
- डॉ विनोद कुमार सिंह, मेडिकल सुपरिटेंडेंट एनएमसीएच
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स्टूडेंट्स ने जबरन रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कराया। सूचना मिलने पर काउंटर को दोबारा खोला गया। पूर्व में उन्हें मनाया गया था, फिर भी स्ट्राइक पर चले गए।
- डॉ। विद्यापति चौधरी, प्रिंसिपल पटना मेडिकल कॉलेज
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जूनियर डॉक्टर की संख्या
- 150
जूनियर डॉक्टर हैं पीएमसीएच में।
- 120
इंटर्न एमबीबीएस स्टूडेंट्स हैं एनएमसीएच।
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रजिस्ट्रेशन का हाल
- पीएमसीएच : 700
- एनएमसीएच : 1200
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- 10
मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स स्ट्राइक पर रहे पूरे प्रदेश में।
- 1100
जूनियर डॉक्टर कर रहे आंदोलन।