पटना (ब्यूरो)।अगर आपके आसपास कोई खगोलविज्ञान केंद्र या खगोलविद् नहीं है और असंख्य तारों के बीच अपने सौर परिवार के सदस्यों को पहचानना चाहते है तो रविवार देर रात से आगामी तीन दिनों तक चंद्रमा कई ग्रहों की एक-एक करके पहचान कराने जा रहा है। ये बातें राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताई। उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए सुबह 4 बजे पूर्व दिशा में आकाश को निहारना होगा। रविवार 24 अप्रैल की देर रात जबकि 25 अप्रैल आरंभ हो चुका होगा तब अर्धचंद्राकार चंद्रमा सौरमंडल के सबसे सुंदर ग्रह शनि (सैटर्न) के साथ होकर शनि की पहचान कराएगा।

खाली आंखों से देखेंगे लोग
सारिका ने बताया कि चन्द्रमा आगे चलन-करते हुए 25 अप्रैल की देर रात को मंगल (मार्स)के नीचे रहेगा। 26 अप्रैल की देर रात जब कि 27 अप्रैल आरंभ हो चुका होगा तब चंद्रमा ज्यूपिटर और वीनस की जोड़ी के साथ होकर उनका परिचय देगा। माह की अंतिम रात्रि 30 अप्रैल को देर रात जबकि 1 मई आरंभ हो चुका होगा तब 4 बजे के पूर्वी आकाश में वीनस और ज्यूपिटर एक दूसरे में समाए से होंगे। ज्यूपिटर और वीनस का यह अल्ट्रा क्लोज कंजक्शन होगा। खगोलीय पिंडों के मिलन की इन घटनाओं को खाली आंखों से देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि अप्रैल का अंतिम सप्ताह में इन ग्रहों को पहचानने का भी अच्छा अवसर होगा। तो तैयार हो जाइए सूरज के उदित होने से 2 घटे पहले दिखने वाले इन मनोहारी आकाशीय दृश्य को देखने के लिए।

मनोहारी आकाशीय दृश्य किस तारीख को दिखेगा।
24 अप्रैल देर रात 4 बजे (जबकि 25 अप्रैल आरंभ हो चुका होगा) - चंद्रमा शनि के साथ
25 अप्रैल देर रात 4 बजे (जबकि 26 अप्रैल आरंभ हो चुका होगा ) -चंद्रमा मंगल के साथ
26 अप्रैल देर रात 4 बजे (जबकि 27 अप्रैल आरंभ हो चुका होगा ) -चंद्रमा बृहस्पति एवं शुक्र की जोड़ी के साथ
30 अप्रैल देर रात 4 बजे( जबकि 1 मई आरंभ हो चुका होगा ) - बृहस्पति एवं शुक्र की नजदीकी जोड़ी