पटना ब्‍यूरो । किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग हैं। ये शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। मगर इसमें किसी तरह का विकार मानव शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ। राजेश रंजन बताते हैं कि किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसका मुख्य कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। डॉ। राजेश ने किडनी के रोगों के लक्षणों, बचाव और कारणों के बारे में सभी पहलुओं पर विस्तार से बताया जिन्हें जानना हमारे लिए जरूरी है। वे कहते हैं कि किडनी की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि को किडनी का कैंसर कहते हैं। यह बीमारी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ देती है। किडनी से जुड़े रोगों के इलाज में देरी किडनी के कैंसर का कारण बन सकती है।
-बार-बार उल्टी आना मुख्य लक्षण
डॉ। राजेश बताते हैं कि बार-बार उल्टी होना, भूख न लगना, थकान और कमजोरी महसूस होना, पेशाब कम होना, पेशाब में खून और झाग आना, खुजली होना, धुंधला दिखना, नींद न आना और मांसपेशियों में खिंचाव किडनी से संबंधित रोग के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि पेशाब रोकना, कम पानी पीना, दर्दनिवारक दवाओं का ज्यादा सेवन, धूम्रपान करना, ज्यादा शराब पीना और ज्यादा नमक खाना जैसी आदतों से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि किडनी से संबंधित रोगों के उपचार में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी काफी कारगर साबित हो रहा है। इसके कई फायदे हैं जैसे-कम चीरा लगना, कम खून बहना, जल्दी ठीक होना, कम संक्रमण, कम दर्द और इससे शरीर पर कोई निशान भी नहीं आता है।