पटना(ब्यूरो)। जनता के दरबार में सीएम कार्यक्रम में सोमवार को अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे के दो मामले पहुंचे। एक युवक ने यह गुहार लगाई कि पुनपुन बराज के लिए उनके गांव के लोगों की जमीन 24 साल पहले अधिग्रहित की गई थी, पर अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। पूरे गांव ने आवेदन किया है। सीएम ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को इस मामले को देखने का निर्देश दिया। इसी तरह सीतामढ़ी से एक महिला भी यह शिकायत लेकर पहुंची थी कि उसे जमीन अधिग्रहण का मुआवजा नहीं मिला।

सीएम के गांव से भी एक शिकायत पहुंचा
सीएम के गांव कल्याणबिगहा से भी एक व्यक्ति गुहार लेकर पहुंचा था। उसने कहा कि आपका प्रचार-प्रसार करते हैं और बेरोजगार भी हैं। यहां पहुंचने में डेढ़ वर्ष लग गए। कल्याणबिगहा में भी आवेदन दिया था। सीएम ने अपने सचिव अनुपम कुमार को इस मामले को देखने का निर्देश दिया।

पौधारोपण की राशि गबन कर ली गई है
समस्तीपुर जिले से आए एक युवक ने सीएम को बताया कि उनके यहां पौधारोपण की राशि का गबन कर लिया गया है। सीएम ने ग्रामीण विकास विभाग के आला अध्किारी को इस मामले की जांच का निर्देश दिया।

बीज निगम को दलहन का बीज दिया पर भुगतान नहीं हो रहा
मोकामा के मरांची से आए एक व्यक्ति ने कहा कि वे दलहन के प्रमाणिक बीज का उत्पादन करते हैं। बीज निगम को उन्होंने बीज दिया था। उसका उपयोग भी कर लिया पर उनका भुगतान रोक लिया गया है।

गांव में आजादी के बाद अब तक सड़क नहीं
सारण से आए एक युवक ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक उसके गांव में सड़क नहीं बनी है। महादलित टोले के लोग बरसात के समय मुख्य मार्ग से कट जाते हैं। बीमार पडऩे पर लोगों को खटिया से ले जाना पड़ता है।

सरकारी जमीन पर दबंग अतिक्रमण कर रहे
रोहतास से आए एक युवक ने कहा कि उनके यहां सरकारी जमीन पर दबंगों ने अतिक्रमण कर मकान का निर्माण करा लिया है। इससे नहर बाधित हो गया है। पटवन का काम ठीक से नहीं हो रहा। सीएम ने संबंधित विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।

किसने जमाबंदी को जामबंदी लिख दिया है
जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केवल अपनी समस्या लेकर आने वालों की शिकायतें ही नहीं सुनी, बल्कि एक शब्द को अशुद्ध लिखने पर अधिकारियों से भी पूछताछ शुरू कर दी। हुआ यह है कि जमाबंदी से जुड़ी एक शिकायत के आवेदन के ऊपर जामबंदी लिखा था। मुख्यमंत्री ने इसे पकड़ लिया। तुरंत पास बैठे अधिकारी को तलब कर पूछा कि जमाबंदी को जामबंदी कैसे लिख दिया गया है? अधिकारी इस तरह के प्रश्न के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर में जब इंट्री हो रही थी तो उसमें गलती हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो यही कहते रहे हैं। पहले कोई गड़बड़ लिखता था क्या? आजकल तो मेरे पास जो समाचार सार आ रहा उसमें भी फालतू रहता है।

अरे आपने तो मेरा ही नाम ले लिया
मधुबनी से जनता दरबार में पहुंचे एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसका नाम नीतीश कुमार मंडल है। मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा कि अरे, आपने तो मेरा ही नाम ले लिया है। पहले कोई इस तरह का नाम ही नहीं रखता था। मेरे पिता ने सबसे पहले यह नाम रखा था, तब यह किसी का नाम नहीं था। मधुबनी से आया युवक राशन कार्ड निर्गत नहीं होने की शिकायत को लेकर पहुंचा था। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारी को फोन कर कहा कि देखिए, मेरे नाम का ही युवक है। भेज रहे हैं, जरा देख लीजिए।