- मांझी को मुख्यमंत्री और सहनी को उप मुख्यमंत्री का मिला था प्रलोभन

-भाई वीरेंद्र बोले, मांझी-सहनी जैसे नेताओं की बात का भरोसा नहीं

PATNA: बीजेपी विधायक ललन पासवान के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और मंत्री मुकेश सहनी ने भी दावा किया कि लालू ने उन्हें भी फोन कर लालच दिया था। एनडीए की सरकार गिराने के एवज में मांझी को मुख्यमंत्री और सहनी को उप मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की गई थी। हालांकि राजद-कांग्रेस ने मांझी-सहनी के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ज्ञात हो कि बीजेपी विधायक को जेल से फोन कर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा लालच देने का आडियो बुधवार को सुशील मोदी ने वायरल किया था। उसके बाद से सियासत गर्म हो गई है।

जेल से दर्जनों बार फोन किया

बिहार विधानसभा के बाहर मीडिया से ¨हदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद ने उन्हें जेल से दर्जनों बार फोन किया। उन्हें मुख्यमंत्री और उनके दल के बाकी विधायकों को मंत्री बनाने का लालच दिया। मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद की यह आदत रही है। वे दबाव बनाने की राजनीति करते रहे हैं। उन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों को भी कई बार फोन किया और उन पर भी दबाव बनाने की कोशिश की, किंतु मैं और मेरी पार्टी के नेता उनके प्रलोभन में फंसने वाले नहीं हैं। मांझी ने एक सवाल पर कहा कि लालू ने जब फोन किया था, उसी वक्त जहां और जिसे बताना चाहिए था मैंने बता दिया था। राजनीति में बहुत सारी बातों को मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक करना उचित नहीं है।

जो जवाब देना था वह दे दिया : मुकेश

मांझी के बाद विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के अध्यक्ष और राज्य के पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने भी दावा किया कि उनके पास भी लालू प्रसाद का फोन आया था। उन्हें जो जवाब दिया जाना चाहिए था, वह दे दिया गया है। सहनी ने कहा कि वे मल्लाह पुत्र हैं। मछलियों को जाल में फंसाते हैं। खुद फंसने वाले नहीं। लालू प्रसाद को पीठ में खंजर मारने की आदत है। वे खुद इसका शिकार हो चुके हैं।

राजद ने किया खारिज

मांझी और सहनी के दावे को राजद ने खारिज कर दिया है। प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि मांझी और सहनी की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। बेबुनियाद आरोप लगाने की दोनों की आदत है। हर चुनाव के पहले पाला बदलते हैं और परिवार की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद ने उन्हें फोन किया था तो वे अब तक कहां थे। सरकार में सारे पद लेने के बाद क्यों बोल रहे हैं। पहले क्यों नहीं उजागर किया। सुशील मोदी खुद ही बोल रहे कि उन्होंने अपनी ओर से फोन लगाया था। साफ है कि राजद प्रमुख ने किसी को फोन नहीं किया। कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने आडियो को फर्जी बताया और कहा कि यह जांच का विषय हो सकता है।