पटना(ब्यूरो)। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म शहंशाह का एक गाना है, अंधेरी रातों में सुनसान राहों पर, एक मसीहा निकलता है उस समय भले ही यह गाना अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था, लेकिन आज के दौर में अगर यह गाना फिल्माया जाए तो पटना के लिफ्टमैन पर यह सटीक बैठेगा। यह लिफ्टमैन रोज अपने घर से बाइक निकालता है और सड़क पर लिफ्ट के इंतजार में खड़े लोगों की मदद करता है। इस लिफ्टमैन का नाम है सुशील सिंह। सुशील ने लोगों को लिफ्ट देने की मुहिम शुरू की है। वह रोज अपने घर से बाइक निकलते हैं और सड़कों पर जरूरतमंदों को लिफ्ट देते हैं। वह रोजाना 80-90 किलोमीटर बाइक चलाते हैं। उन्होंने यह मिशन इसलिए शुरू किया है, ताकि हर वो लोग जो सक्षम हैं और जिनके पास बाइक है वह अपने परिचित, असहाय को लिफ्ट देकर मदद कर सकते हैं। इनसे प्रेरणा लेते हुए इनके मोहल्ले के 50 से भी ज्यादा लोग अपने आस-पास के लोगों को लिफ्ट देने लगे हैं।

70 वर्षीय बुजुर्ग को लिफ्ट मांगते देख आया ख्याल
सुशील बताते हैं कि उनके पिता पुलिस में काम करते हैं। एक दिन अपने पिता के साथ वह भी जा रहे थे। उन्होंने देखा कि कोई भी ऑटो वाला रोक नहीं रहा है। जब अपने पिता से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वर्दी में हूं, वह सोचता होगा कि पैसा नहीं देगा, फ्र में बैठेगा। इसी वजह से रोज ऑफिस जाने में लेट हो जाता है। सुशील को इस बात ने खूब परेशान किया। शाम को जब वह लौटने लगे तो बस में बहुत भीड़ थी। इसके बावजूद बस वाला सवारियों को बैठाए जा रहा था। किसी तरह धक्का-मुक्की खाते हुए जब वे अपने मोहल्ले में पहुंचे तो देखा कि एक 70 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति सड़क पर लिफ्ट का इंतजार कर रहे थे। चलने में असमर्थ थे, लेकिन ऑटो 2 किमी बाद मिलता था। एक दिन में हुई इन तीन घटनाओं ने सुशील को बहुत परेशान किया। फिर इस मानसिक परेशानी में तप कर जन्म हुआ लिफ्टमैन का। बॉडीगार्ड सुशील बन गए लिफ्टमैन।

लिफ्ट लेने वाले के पास होना चाहिए अपना हेलमेट
उनका कहना है कि अगर वह दानापुर में है और उन्हें राजेंद्र नगर जाना है, तो इस बीच में कोई वैसा जरूरतमंद इंसान जिसे राजेंद्र नगर या फिर उस बीच में पडऩे वाले रास्ते में कहीं उतरना है तो वह लिफ्ट लेकर उनकी बाइक पर बैठ सकता है और वह रास्ते में उन्हें ड्रॉप कर देंगे। सुशील अपनी मुहिम को सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रमोट कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाए और जरूरतमंदों की मदद करें।

प्राइवेट बॉडीगार्ड हैं सुशील
मूल रूप से छपरा के सुशील का सारा समय पटना में ही बीता है। उनका घर पटना में ही है। वह एक प्राइवेट बॉडीगार्ड हैं। उनके पिता पुलिस में थें और उनकी मां एक गृहिणी। रात को खास तौर पर लिफ्ट देने के लिए ही सड़क पर निकलते हैं। बुजुर्ग को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, रात में थोड़ी सावधानी से लोगों को बैठाते हैं। सुशील का मानना है कि अगर कोई बाइक चालक अपने परिचित गरीब, असहाय या बुजुर्ग को भी लिफ्ट देना शुरू कर दे तो किसी को भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।