पटना(ब्यूरो)। वर्ष 2013 में पटना के गांधी मैदान में पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी मेहरे आलम को एसटीएफ ने धर दबोचा। यह कार्रवाई शनिवार की रात दरभंगा के सिधौली गांव, अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र से की गई। जानकारी हो कि मेहरे के खिलाफ मुजफ्फरपुर के नगर थाना में 30 अक्टूबर, 2013 को कांड संख्या 612/13 दर्ज किया गया था, तब से वह फरार चल रहा था।

बाल-बाल बचे थे नरेंद्र मोदी

2013 की इस घटना में तत्कालीन पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी बाल-बाल बचे थे। वे यहां जनसभा करने पहुंचे थे। बम ब्लास्ट के टारगेट में वे ही थे। लेकिन उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा था। तब इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी और 82 घायल हो गए थे। तब गांधी मैदान के अलावा पटना जंक्शन पर भी बम ब्लास्ट हुआ था।

गिरफ्त से भागा था

गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने मेहरे आलम को बम ब्लास्ट कांड में आरोपी बनाया था। इस मामले में एनआईए की टीम ने पूर्व में मेहरे आलम को बतौर गवाह बनाकर अपने साथ ले गई थी। वहीं मेहरे आलम की निशानदेही पर 29 अक्टूबर, 2013 को मुजफ्फरपुर के मीरपुर में छापेमारी की गई, जहां कोई सफलता नहीं मिलने पर पूरी टीम मेहरे को लेकर मुजफ्फरपुर लौट गई। सिद्धार्थ लॉज में पूरी टीम मेहरे को लेकर ठहरी थी। लेकिन वह चालाकी से भाग निकला। तब खोजबीन करने पर भी सफलता नहीं मिलने पर एनआईए की टीम ने 30 अक्टूबर, 2013 को मुजफ्फरपुर जिला के नगर थाना में मेहरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। इस प्रकार, करीब दस साल बाद मेहरे गिरफ्त में आया है।

मोनू का था करीबी

ऐसा माना जाता है कि मेहरे आलम गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए बम ब्लास्ट के आरोपी मोनू का करीबी था। मोनू समस्तीपुर जिले का रहने वाला था और दरभंगा में रहकर पॉलिटेक्निक में पढ़ाई करता था। एक लाइब्रेरी में मेहरे और मोनू की एक -दूसरे से मुलाकात हुई थी, जिसके बाद दोनों के बीच दोस्ती बने थे।