-महज पांच मिनट में छावनी में तबदील हुआ बेउर जेल

-दो घंटे की मशक्कत के बाद लाउड स्पीकर से मिली मॉक ड्रिल की सूचना

PATNA(29Oct)

दोपहर के दो बजे थे। बेउर जेल के कंट्रोल रूम में दो सिपाही बैठकर बात कर रहे थे। इसी दौरान फोन की घंटी बजती है। एक सिपाही ने फोन उठाया। दूसरी तरफ से आवाज आई कि एक घंटे में जेल को उड़ाने की साजिश है। जेल अधीक्षक कहां हैं। अभी वो कुछ बोल ही पाता कि फोन कट गया। एक मिनट बाद फिर फोन आया कि जेल के अंदर दो सिपाहियों के बीच मारपीट हुई है। पुलिसकर्मी कुछ समझ पाता तभी जेल की पगली घंटी बज उठी। महज दो मिनट में काराधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर और कारापाल त्रिभुवन सिंह अपनी टीम के साथ मोर्चा ले चुके थे। इसी बीच करीब 100 पुलिसकर्मी और जेल परिसर में आ चुके थे। सभी लोग एक साथ वार्ड में गए और तलाशी लेनी शुरू कर दी।

भागे चले आए सुरक्षाकर्मी

काराधीक्षक के निर्देश पर जेल के अंदर लगी पगली घंटी बजाई गई। सारे सुरक्षाकर्मी जहां और जिस हालत में थे, अस्त्र-शस्त्र लेकर जेल के अंदर भागने लगे। आनन-फानन में सारे कैदियों को उनके वार्ड में बंदकर दिया गया। देखते ही देखते पूरी बेउर जेल पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। बेउर थाने की पुलिस भी पहुंच गई। जेल के चारों ओर पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई थी।

नहीं मिला आपत्तिजनक सामान

दोपहर में खाना खाने के बाद कैदी अपने-अपने वार्ड में जा चुके थे। पगली घटी बजने के बाद करीब दो घंटे तक हर वार्ड की तलाशी ली गई लेकिन कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। करीब तीन बजे के आसपास लाउडस्पीकर से सूचना प्रसारित कराई गई कि यह मॉक ड्रिल थी। इसके बाद कैदियों व सुरक्षाकर्मियों ने राहत की सांस ली।

वर्जन

बेउर जेल में बिना सूचना दिए मंगलवार दोपहर दो बजे पगली घंटी बजाई गई। सुरक्षाकर्मी अपने घरों से चंद मिनट में जेल आ गए। घंटेभर तक सुरक्षाकर्मियों ने जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया।

-जवाहर लाल प्रभाकर, काराधीक्षक बेउर