संस्थान में जेनेटिक जांच और शोध के लिए मिलेगा प्लेटफॉर्म

PATNA :

पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में अब जेनेटिक टेस्ट और इससे संबंधित रिसर्च के लिए प्लेटफॉर्म मिल जाएगा। जल्द ही संस्थान में मॉलीक्यूलर माइक्रोबायोलॉजी और मॉलीक्यूलर जिनोमिक्स लैब की स्थापना होगी। मॉलीक्यूलर जिनोमिक्स लैब बनने के बाद इस संस्थान में जेनेटिक जांच और शोध संभव हो सकेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस सुविधा को विकसित करने के लिए संस्थान को 78.50 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।

बिहार में यह पहली लैब

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आईजीआईएमएस समय के साथ अपने आप को विकसित कर रहा है। अब इस संस्थान में मॉलीक्यूलर माइक्रोबायलोजी और मॉलीक्यूलर जिनोमिक्स लैब की स्थापना होनी है। इस कार्य के लिए आईजीआईएमएस ने सरकार से साढ़े 78 करोड़ रुपए की मांग की थी। जिसे मंजूर कर लिया गया है। बिहार में यह पहली लैब होगी जहां जेनेटिक जांच और शोध किए जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पूर्णिया में बनने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को तीन सौ की जगह पांच सौ बेड़ का बनाया जाएगा। तीन सौ से पांच सौ बेड में उन्नयन करने से इस अस्पताल पर सरकार को अतिरिक्त 87.78 करोड़ रुपए की लागत वहन करनी होगी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने यह राशि स्वीकृत कर दी है। मंत्रिमंडल की सहमति के बाद पूर्णिया में बनने वाला राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तीन सौ की जगह पांच सौ बेड का होगा।