निगम कमिश्नर जय सिंह 31 मई से 17 जून तक जा रहे हैं लंबी छुट्टी पर

- साल भर से नाला उड़ाही व जलजमाव को लेकर नहीं हो पाया काम

- जैसे-तैसे कमिश्नर एक-दूसरे पर फेंकते रहे जवाबदेही

- शहर में अब तक नहीं हो पाया किसी भी तरह का कंस्ट्रक्शन वर्क

PATNA: निगम कमिश्नर जय सिंह 31 मई से 17 जून तक छुट्टी पर जा रहे हैं। निगम कमिश्नर का पद्भार शीर्षत कपिल अशोक के कंधे पर दे दिया है। इससे पहले निगम कमिश्नर के रूप में जब कुलदीप नारायण थे और उस समय राजेंद्र नगर में भीषण जलजमाव हुआ, तो अतिरिक्त कमिश्नर के रूप में शीर्षत कपिल अशोक को लाया गया था। इसके बाद सफाई का सारा जिम्मा इन्हीं के कंधे पर था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इन्होंने सफाई और नाला उड़ाही से रिलेटेड अब तक कोई खास काम नहीं किया है। यहां तक की शॉर्ट टर्म और लांग टर्म डीपीआर तक तैयार नहीं कर पाए हैं। इस बीच, कुलदीप नारायण को सस्पेंड कर दिया गया और शीर्षत कपिल अशोक को निगम कमिश्नर बना गया, फिर सफाई और नाला उड़ाही के काम की रफ्तार कम पड़ गई। अब जब जैसे ही जय सिंह को निगम का कमिश्नर बनाया गया, इनकी ओर से एक महीने पहले कंकड़बाग स्थित नाले से कुछेक घरों का ही अतिक्रमण हटवा पाए। नतीजतन, आज भी नालों पर अतिक्रमण बना हुआ है।

मई बीत गया, फिर डूबेगा शहर

मौसम विभाग की मानें, तो बीस जून के बाद मानसून भी दस्तक दे देगा। बीस जून आने में अब एक महीने का ही वक्त बचा हुआ है और इस एक महीने में नाला उड़ाही का काम पूरा करना है, साथ ही शनिचरा पुल की प्रॉब्लम भी निगम के सामने एक बड़ी परेशानी बनी हुई है, लेकिन इसी बीच अब निगम कमिश्नर जय सिंह के छुट्टी पर जाने की वजह से एक बार फिर मानसून से निगम के एक ही कमिश्नर को टकराना पड़ेगा, जबकि पिछले साल मानसून के दौरान ही दो कमिश्नर की नियुक्ति करवाई गई थी। इसके बाद भी मानसून के आने से पहले ही निगम कमिश्नर छुट्टी पर जा रहे हैं।

संप हाउस की परेशानी जारी

जानकारी हो कि सिर्फ नाला के निर्माण के साथ ही काम पूरा नहीं हो सकता है, बल्कि इस दौरान संप हाउस का रोल भी काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में राजेंद्र नगर संप हाउस और पहाड़ी संप हाउस को लेकर अब तक कोई खासा प्लान तैयार नहीं हो पाया है। संप हाउस तक पानी पहुंचने का रास्ता भी क्लियर नहीं किया गया है, ताकि बारिश के दिनों में शहर का पानी तेजी से खींचकर उसे संप तक पहुंचाए और फिर उस संप से पानी को नाला के रास्ते बाहर निकाला जा सके।

The other side

एक कमिश्नर के दम पर काम निपटाना आसान नहीं

निगम कमिश्नर जय सिंह की छुट्टी पर जाने की खबर से सबसे अधिक परेशानी राजेंद्र नगर के लोगों को हो रही है, क्योंकि इन्हें डर है कि एक बार फिर से राजेंद्र नगर अगर डूबेगा, तो उन्हें जलजमाव से निकाल पाना अकेले एक कमिश्नर के बस की बात नहीं है। पिछले साल भी यही हुआ था, जब सात दिनों तक राजेंद्र नगर के लोग डूबे रहे, तभी निगम ने सुध लेनी शुरू की थी।

मीठापुर एरिया के जलजमाव पर प्लानिंग नहीं

राजेंद्र नगर को छोड़ दिया जाए, तो मीठापुर एरिया के जलजमाव को लेकर अब तक निगम की ओर से प्लानिंग नहीं हो पाई नहीं हो पाई है। पिछले साल भी मीठापुर की वजह से पोस्टल पार्क होते हुए कंकड़बाग में भीषण जलजमाव की परेशानी से जूझना पड़ सकता है।

सफाई के नाम पर कुछ नहीं हो पाया है। ऊपर से कमिश्नर अब छुट्टी पर जा रहे हैं। एक कमिश्नर के भरोसे फिर से गवर्नमेंट जलजमाव छोड़ रही है। एक बार फिर से पटनाइट्स भीषण जलजमाव की चपेट में फंसेंगे।

योगेश कुमार, राजेंद्र नगर

जिस तरह से काम चल रहा है, उस हिसाब से एक कमिश्नर के भरोसे जलजमाव को छोड़ना ठीक नहीं है। जलजमाव के दौरान परेशानी बनी रहेगी। एक कमिश्नर के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

आभा लता, स्टैंडिंग कमेटी मेंबर

सैदपुर नाला की सफाई ठीक से नहीं हुई है। शनिचरा पुल से आगे पानी निकल नहीं रहा है। जब निगम कमिश्नर ने देख लिया कि अब उनसे कुछ होने वाला नहीं है, तो अब वो मसूरी जाने की सोच रहे हैं। यह गलत है। इस बार राजेंद्र नगर एरिया व सिटी एरिया ही नहीं, बल्कि पूरा पटना पानी में डूबेगा।

नैयाज, वार्ड काउंसलर व स्टैंडिंग कमेटी मेंबर