- 69.3 फीसद संक्रमित बाहर से आने, वापस जाने वाले

-16.4 फीसद पॉजिटिव पाए गए संक्रमितों के संपर्क में आने वाले

- 6.1 फीसद संक्रमित में मिल रहे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन

- 187 स्वास्थ्यकर्मी थे पांच अप्रैल तक उपचाराधीन संक्रमितों में

PATNA: कोरोना संक्रमण की रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग पर जोर दे रहा है। इसमें अन्य प्रदेशों से आने, प्रदेश से वापस अपने मूल स्थान जाने वालों व अन्य की जांच पर खास जोर दिया जा रहा है। इसका कारण उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों में इनकी संख्या सबसे अधिक होना बताया जा रहा है। बताते चलें कि बाहर से आए और काम खत्म कर वापस जाने वालों व ऐसे अन्य संक्रमितों की संख्या 69.3 फीसद है।

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में पेश रिपोर्ट के अनुसार पांच अप्रैल तक जिले में 1881 उपचाराधीन संक्रमित थे। इनमें से सबसे ज्यादा 1181 बाहर से आने-जाने व अन्य लोग थे। वहीं, कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों में से 16.4 फीसद की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ऐसे 374 लोग उपचाराधीन हैं।

इंफेक्शन वालों की पॉजिटिविटी कम

कोरोना की जांच कराने अस्पताल पहुंचने वालों में से सबसे अधिक संख्या सांस लेने में तकलीफ, बुखार, सर्दी-खांसी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) से पीडि़त होते हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पांच अप्रैल तक जिले में जो 1881 उपचाराधीन संक्रमित थे, उनमें से केवल 139 यानी 6.1 फीसद ही इन लक्षणों के कारण जांच कराने गए थे। वहीं, पांच अप्रैल तक 187 स्वास्थ्यकर्मी पॉजिटिव थे जो कि उपचाराधीन संक्रमितों का प्रतिशत 8.2 फीसद है।