-पश्चिम बंगाल में उन्मादी भीड़ ने मार डाला था किशनगंज के टाउन थानेदार को

PURNIYA:किशनगंज टाउन थानेदार अश्विनी कुमार की मौत का सदमा उनकी मां बर्दाश्त नहीं कर सकीं। उर्मिला देवी (70) ने संडे को दम तोड़ दिया। वे हृदय रोग से पीडि़त थीं, इस कारण बेटे की मौत की खबर उनसे छिपाकर रखी गई थी। सैटरडे देर रात उन्हें घटना की जानकारी दी गई। इसके बाद संडे की सुबह उनकी मौत हो गई। पूर्णिया जिला अंतर्गत जानकीनगर के पांचू मंडल टोला में एक साथ मां-बेटे की अर्थी निकाली गई। पूरा गांव स्तब्ध था। जांबाज इंस्पेक्टर की पत्नी, बेटे-बेटी और स्वजनों के आंसू थम नहीं रहे थे। जब तक सूरज-चांद रहेगा, अश्विनी तेरा नाम रहेगा के नारों के बीच दोनों शवों को श्मशान घाट तक ले जाया गया।

सम्मान के साथ संस्कार

शव यात्रा में पूर्णिया प्रक्षेत्र के आइजी सुरेश चौधरी, प्रमंडलीय आयुक्त राहुल महिवाल, डीएम राहुल कुमार, एसपी दयाशंकर, एमएलसी दिलीप जायसवाल, विधायक कृष्ण कुमार ऋषि आदि शामिल हुए। थानाध्यक्ष के शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले पुलिसकर्मियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। साथ ही काफी संख्या में गांव के लोग शामिल हुए।

बेटे पूछ रहे थे पापा उठ क्यों नहीं रहे

अश्विनी के स्वजनों को पूर्णिया प्रक्षेत्र के सभी पुलिसकर्मियों ने एक दिन का वेतन (करीब 50 लाख रुपए) और आईजी ने 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही अनुकंपा पर घर के एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी घोषणा की गई है। दिवंगत थानाध्यक्ष की पत्‍‌नी और बच्चे सैटरडे को ही गांव पहुंच चुके थे। संडे को उनकी दूसरी बहन गांव आई। अश्विनी की बेटी नैन्सी स्वजनों को संभालने का प्रयास कर रही थी। अश्विनी की सबसे छोटी बेटी और बेटा लोगों से बार-बार पूछ रहे थे, पापा उठ क्यों नहीं रहे हैं। पूरे गांव में दो दिनों से किसी घर में चूल्हा तक नहीं जला। उर्मिला देवी को उनके छोटे बेटे गुड्डू और अश्विनी को उनके पांच वर्षीय बेटे वंश ने मुखाग्नि दी। ज्ञात हो कि किशनगंज जिले की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के पांतापाड़ा में बाइक चोरों को पकड़ने गए किशनगंज टाउन थाना के थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की उन्मादी भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी थी।