PATNA :

नंद के आनंद भयो, यशोमति मैया से बोले नंदलाला, अच्युतम केशवं कृष्ण दमोदरम राम नारायनम जानकी वल्लवभम आदि गीतों के साथ झूमते श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया। हालांकि कोरोना संक्रमण काल में पटना में जन्माष्टमी की धूम इस साल मंदिरों और सड़कों पर थोड़ी कम नजर आई, लेकिन श्रद्धालुओं के घरों में बाल गोपाल के जन्मोत्सव की धूम रही। किसी ने बड़े झूले पर अपने कान्हा को बिठाकर उनका जन्मोत्सव मनाया तो किसी ने माखन खिलाकर। बोरिंग रोड स्थित मंदिरों को श्रीकृष्ण के स्वागत में सजाया गया था। हालांकि यहां भीड़ लगाने की मनाही थी, लेकिन कई भक्त बाहर से ही पूजा करते और सजावट देखते नजर आए।

झाल मृदंग के साथ हुआ बाल गोपाल का स्वागत

कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन और सेफ्टी का ध्यान रखते हुए बाकरगंज स्थित ठाकुरबारी में झाल और मंजीरे के साथ कृष्ण के आगमन की खुशियां मनाई गई। मंदिर के पुजारियों के साथ आस पास के लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए पूजा में शामिल हुए। गेट पर ही सुरक्षा और सैनिटाइजेशन का इंतजाम था जिसके बाद सोशल डिस्टेनसिंग के तहत लाइन लगी थी। मंदिर में कई श्रद्धालु अपने बच्चों को कान्हा के वेशभूषा में ले गए थे। बच्चे भी उत्सव को लेकर काफी उत्साहित दिखे।

दोपहर 2 बजे से उत्सव

दोपहर 2 बजे से ही भजन कीर्तन के साथ कृष्ण जन्म का उत्सव शुरू हुआ जो 5 बजे तक चला। शाम 7 बजे आरती के साथ फिर से झाल मंजीरे के तान पर कृष्ण की लीलाओं से भक्त विभोर हुए। मंदिर के पुजारी सीताराम दास ने बताया कि हम हर साल धूमधाम से पूजा करते है। रात 12 बजे भगवान के जन्म तक कार्यक्रम चलता रहता है।