-बक्सर में नाथ संप्रदाय को किया था स्थापित, हरिद्वार में 14 को ही त्याग दिया था अन्न-जल

BUXAR: बक्सर में नाथ संप्रदाय को स्थापित करने वाले संत नाथ बाबा ने रविवार की दोपहर ढाई बजे हरिद्वार में समाधि ले ली। वे हरिद्वार स्थित आदिनाथ अखाड़ा में इसी माह अतिरुद्र महायज्ञ में भाग लेने गए थे। चार से 14 अप्रैल तक अखाड़े में यज्ञ के बाद उन्होंने समाधि लेने के लिए अन्न-जल त्याग दिया था और रविवार की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके ब्रह्मालीन होने की सूचना यहां पहुंचते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचे।

शिष्यों को दे दी थी जानकारी

नाथ बाबा ने यज्ञ के लिए रवाना होने के समय ही शिष्यों को हरिद्वार में यज्ञ के बाद देह त्यागने की जानकारी दे दी थी। बाबा बसंत नाथ ने बताया कि हरिद्वार में नाथ बाबा की विधि-विधान से समाधि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नाथ बाबा वर्ष 1964 में बक्सर आए थे और गंगा तट पर तप किया था। बाद में वहीं पर नाथ संप्रदाय का भव्य मंदिर बना, जो आज नाथ बाबा मंदिर के नाम से विख्यात है। उन्हीं के नाम पर गंगा तट का नाम नाथ बाबा घाट पड़ा। बक्सर समेत देश में नाथ संप्रदाय से जुड़े लोग बाबा के भक्त हैं।