पटना (ब्यूरो)। पटना के पुनाईचक स्थित नौलखा दुर्गा मंदिर में शक्ति के उपासक श्री श्री 108 नागेश्वर बाबा अपने छाती पर 21 कलशों का स्थापना कर निराहार एवं निर्जला अन्न-जल,नित्यक्रिया को त्याग कर का श्रद्धा वो निष्ठा के साथ रहकर नौलखा मंदिर में माँ जगदम्बा की जन-कल्याणनार्थ के लिए आराधना कर रहे हैं। नागेश्वर बाबा ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर से बात की । उन्होने बताया कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि में माता रानी के भक्त उपवास रहकर मां जगदंबे की विधि- विधान से पूजा करते हैं। अपनी श्रद्धा और शक्ति के अनुसार कुछ लोग पूरे नौ दिन, तो कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं।

इस बार की नवरात्र बेहद शुभ
नागेश्वर बाबा ने बताया कि इस बार की शारदीय नवरात्रि को बेहद शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है, तो ये बेहद शुभ माना जाता है। नवरात्रि की शुरुआत की तिथि सोमवार के आधार पर आगमन और प्रस्थान की सवारी तय होती है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में माता रानी के अलग-अलग वाहन और उनके शुभ-अशुभ संकेतों के बारे कहा गया है। मान्यता है की रविवार और सोमवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होने पर माता हाथी पर सवार होकर आती है। हाथी ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस वर्ष माता अपने साथ ढेर सारी खुशियां और समृद्धि लेकर आएगी।

खाली हाथ नहीं जाते श्रद्धालु
मंदिर के व्यवस्थापक प्रो0 विजय यादव ने बताया कि पूर्व की तरह नौलखा दुर्गा मंदिर में शारदीय दुर्गा की पूजा 26 सितम्बर से 04 अक्टूबर तक श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। पिछले कई वर्षों की तरह इस वर्ष नौलखा दुर्गा मंदिर में शक्ति के उपासक नागेश्वर बाबा अपने छाती पर इक्कीस कलशों का स्थापना कर अन्न-जल, नित्यक्रिया को त्याग कर माँ जगदम्बा की आराधना कर रहे हैं। बाबा 25 वर्षो से अराधना करते आ रहे हैं। उन्होने बताया कि नौलखा माँ दुर्गा मंदिर शक्तिपीठ मंदिर है यहाँ आकर कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं जाता है। माँ नौलखा दुर्गा सबों की मनोकामना की पूर्ति करती हैं। प्रो0 यादव ने श्रद्धालुओं से आग्रह किये कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर माँ नौलखा दुर्गाजी का श्रद्धापूर्वक दर्शन करें और अपने मनोकामना को सिद्धि करें