पटना (ब्यूरो)। शनिवार को राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि केंद्र द्वारा लाई गई न्यू एजुकेशन पॉलिसी देश के लिए अनमोल तोहफा है। यह देश के भविष्य के लिए बेहतर है। इसमें अपनी मातृभाषा, संस्कृति, विचार, इतिहास व परंपरा के सहारे देश को नई दिशा देने का ऐतिहासिक प्रयास किया गया है। 34 साल बाद देश को यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। हम सभी का दायित्व है कि इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाएं। हरेक यूनिवर्सिटी में जल्द से जल्द न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होनी चाहिए और इसके लिए वे खुद लगातार प्रयास करेंगे।

बैठक को किया संबोधित
कुलाधिपति आर्लेकर शनिवार को पूर्णिया यूनिवर्सिटी के पांचवें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित सीनेट की बैठक को संबोधित कर रहे थे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि हर सीनेट सदस्य पर यूनिवर्सिटी के विकास के जतन की जिम्मेदारी है। हमें अपनी भूमिका का निवर्हन पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। केवल बैठक में कोई मुद्दा उठाकर हम अपनी भूमिका का इतिश्री जब तक मानते रहेंगे, तब तक शिक्षा-व्यवस्था में परिवर्तन की बात बेमानी होगी।


यूनिवर्सिटी अनुसंधान का केंद्र
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी अनुसंधान का केंद्र होता है। अगर यह दायरा पठन-पाठन तक ही सीमित रहे तो यह मानना चाहिए कि यूनिवर्सिटी का दर्जा कॉलेज से ऊपर नहीं उठ पाया है। शैक्षणिक माहौल पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज के दौर में बच्चे मोबाइल पर केंद्रित हो गए हैं। पढऩे की आदत पाठ्यक्रम तक सीमित हो चुकी है। ऐसे में सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। बच्चों में किताब पढऩे की आदत डालना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने इसके लिए हिमाचल में कुछ स्कूलों के निरीक्षण व बच्चों के बीच बिताए गए पलों से संबंधित अनुभव भी बांटे।

सीनेट की बैठक में होंगे शामिल
राज्यपाल ने कहा कि इस पद का दायरा केवल राजभवन तक ही सिमटा नहीं होना चाहिए। वे इससे अलग विचार रखते हैं और अपने विचार पर अमल करने के प्रति भी ढृढ़ संकल्प हैं। उनकी कोशिश सूबे के हर यूनिवर्सिटी में सीनेट की बैठक में भाग लेने की है। वे वहां के माहौल के साथ समस्याओं को नजदीक से देखना चाहते हैं। साथ ही उनके स्तर से जो पहल अपेक्षित है, उस पर अमल भी होगा। इससे पूर्व राज्यपाल के यूनिवर्सिटी पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पुष्प वर्षा के बीच उनका स्वागत किया गया। बैठक में कुलपति ने पाग व अंग वस्त्र देकर उनका स्वागत किया। स्वागत भाषण कुलपति प्रो। राजनाथ यादव ने दिया। लगभग पांच घंटे चली इस बैठक में राज्यपाल ने हर सदस्यों के विचार भी सुने और अनुकूल पहल का भरोसा भी दिया।