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न्क्त्रन्हृद्दन्क्चन्ष्ठ/द्दन्ङ्घन् : जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भी बिना किसी का नाम लिए हुए अपने चुनावी तीर लालू परिवार की ओर ही छोड़े। उन्होंने कहा कि पहले के 15 साल के शासन की हमारे 15 साल के सत्ता काल से तुलना कर लीजिए। पहले चिकित्सक और व्यवसायी डर से बिहार छोड़कर चले जाते थे। सियासी मोह इस कदर था कि पति अंदर गए तो पत्नी को कुर्सी पर बिठा दिया। फिर भी उनके शासनकाल में महिलाओं को कुछ भी नहीं मिला।

औरंगाबाद जिला के रफीगंज और गया जिला के टिकारी-शेरघाटी में चुनावी संभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने समाज के हर तबके के उत्थान के लिए काम किया। बच्चे-बच्चियों को अब अभिभावक विद्यालय भेज रहे हैं। बिहार में कानून का राज कायम हुआ है। हर जिले में इंजीनियरिंग और एएनएम संस्थान खोले गए हैं। बेरोजगार युवक हजार रुपये तक भत्ता पा रहे हैं। आगे युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। दसवीं और बारहवीं पास युवा पीढ़ी को नई तकनीकी की शिक्षा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब हम सांसद-विधायक थे तो लोग कहते थे यह सड़क बनवा दीजिए। आज क्या स्थिति है, सबके सामने है। अब सौर ऊर्जा के माध्यम से गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। शहर और बाजार में बाइपास बनाएंगे। जहां जमीन नहीं मिलेगी, वहां फ्लाईओवर बनवा देंगे। नए निश्चय (सात निश्चय की दूसरी कड़ी) के तहत हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाएंगे। जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि अब बिहार में धाíमक उन्माद और जातीय हिंसा नहीं होती। दलितों पर अत्याचार नहीं होता।

इशारे-इशारे में तेजस्वी पर तंज : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग अपने परिवार को ही पूरा बिहार मानते हैं। बेमतलब बोलते रहते हैं। उन्हें न तो कोई अनुभव है और न ही काम करने की आदत। वे कहते हैं युवाओं को नौकरी देंगे। बिहार में भ्रष्टाचार का खेल होता है। वे सावधान रहें। बिहार में विकास दर को बढ़ाकर हमने 12.8 फीसद तक पहुंचा दिया है।