-घर में मच्छरों की संख्या रोकने के लिए टेलीफोस पानी में डाल छिड़कें

क्कन्ञ्जहृन् : नगर निगम सिटी अंचल द्वारा एक तो फॉगिंग नहीं कराया जा रहा है। यदि पोर्टेबल मशीन से फॉगिंग की बात कही भी जा रही है, तो उसका असर मच्छरों पर नहीं हो पा रहा है। इस कारण लगातार लोग वायरल फीवर से लेकर डेंगू के शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे का कारण है कि जिस मात्रा में डीजल, पेट्रोल व केमिकल का यूज करना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है।

मच्छरों पर असर क्यों नहीं

आरएमआरआई के डायरेक्टर डॉ प्रदीप दास बताते हैं कि सिटी में नगर निगम द्वारा पोर्टेबल मशीन द्वारा फॉगिंग किया जा रहा है। इसका असर नहीं हो पा रहा है। कारण कि फॉगिंग का धुआं बड़े एरिया को कवर नहीं कर पाता है। यह लिमिटेड एरिया में ही रह जाता है। कायदे से 10 लीटर डीजल में हाफ लीटर मेलाथ्योन मिलाकर फॉगिंग किया जाए तो मच्छरों के लार्वा पर असर पड़ेगा। मगर ऐसा नहीं हो पा रहा है। डॉ प्रदीप दास ने बताया कि पब्लिक अपने घरों में भी मच्छरों को पनपने नहीं दें। घर में टेमीफोस को पानी मिला कर छिड़काव करें, तो लार्वा मर जाएगा। वैसे लोग पर्सनल प्रोटेक्शन के लिए मासकीट मैट, नेट क्वायल व मच्छरदानी का यूज करें।

मशीन खराब, पोर्टेबल से काम

नगर निगम सिटी अंचल में बड़ा फॉगिंग मशीन खराब पड़ा है। स्टाफ ने बताया कि पिछले वर्ष रिपेयर कराने के बाद एक माह काम लिया गया, मगर फिर खराब है, तो कोई सुध लेने वाला नहीं है। पोर्टेबल फॉगिंग मशीन जल्द गर्म हो जाता है और हाथ से छिड़काव पॉसिबल नहीं हो पाता है। इस कारण इसे साइकिल पर बांध कर फॉगिंग किया जाता है। इसमें पांच लीटर डीजल, एक लीटर पेट्रोल व मेलेथ्योन को मिला कर फॉगिंग की बात कही जाती है। इसके बाद भी मच्छरों के प्रकोप में कोई फर्क पड़ने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है।