पटना (ब्यूरो)। बिहार में तीन दशक से लालू यादव और नीतीश कुमार का शासन है। लेकिन प्रदेश नहीं बदला। यह आज भी पिछड़ा और गरीब है। विकास के ज्यादातर मानकों पर हम नीचे खड़े हैं। यह मेरा नहीं नीति आयोग का आकलन है। यह बातें गुरुवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस में पीके ने कही। उन्होंने कहा कि लालूू और उनके समर्थक मानते हैं उनके शासन में सामाजिक न्याय की बात हुई और सरकार ने लोगों को आवाज दी। नीतीश कुमार के समर्थक कहते हैं कि इस सरकार में आर्थिक पहलुओं पर ध्यान दिया गया। नतीजा बिहार का विकास हुआ। दोनों की बातों में कुछ सच्चाई जरूर है। बावजूद 30 वर्ष से बिहार पिछड़ा हुआ है। यहां शिक्षा-स्वास्थ्य ध्वस्त है। रोजगार के लिए कुछ नहीं हो रहा। लाखों बच्चे पलायन कर रहे हैं। कठिन परिस्थितियों में अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं। अग्रणी राज्य बनाना है तो नई सोच से प्रयास करने होंगे।

बापू की कर्मभूमि से करेंगे पदयात्रा
पीके ने कहा कि दो अक्टूबर गांधी जयंती पर बापू की कर्मभूमि चंपारण से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके जन-जन तक जाएंगे। अपनी तीन हजार किमी की पदयात्रा शुरू करेंगे। उन्होंने नए राजनीतिक दल बनाने की अटकलें खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है। अभी 17-18 हजार लोगों से मिलेंगे और सहमति बनी तो पार्टी बनाने पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक सारे लोग मिलकर आगे नहीं बढ़ाएंगे, बिहार नहीं बढ़ सकता। बदलाव के लिए आगे आना होगा।

.तो मेरी नहीं सबकी होगी पार्टी
पीके ने कहा दो अक्टूबर बापू जयंती से वे अपनी तीन हजार किमी की पदयात्रा शुरू करेंगे। इस दौरान राय आई कि पार्टी बनानी चाहिए तो बनेगी, लेकिन वह मेरी नहीं सबकी पार्टी होगी। मैं सिर्फ सदस्य रहूंगा। उन्होंने कहा जेपी के बाद प्रदेश में कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ। आज सत्ता में जो हैं वे जेपी के आंदोलन से निकले हैं। लगता है वक्त आ गया है जनता को एक बार फिर इकट्ठा किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा, लेकिन उनके अभियान की किसी आंदोलन से तुलना ठीक नहीं।

नीतीश से पिता-पुत्र जैसा रिश्ता
पीके ने कहा नीतीश के साथ पिता-पुत्र जैसा संबंध है। इसका मतलब यह नहीं कि पुत्र अलग यात्रा पर नहीं चल सकता। मैं जेडीयू में था तो मुझे एनआरसी के मसले पर हटाया गया। हालांकि नीतीश ने कहा था कि यह बिहार में प्रभावी नहीं होगा। प्रश्न है लागू नहीं करना था तो वोट क्यों किया?

सात निश्चय पर श्वेत पत्र जारी करें
सात निश्चय से जुड़े पत्रकारों के सवाल पर पीके ने कहा सात निश्चय के लिए लोगों से बात कर प्लान तैयार किया गया था। नीतीश कुमार से मांग होनी चाहिए कि सात निश्चय पर श्वेत पत्र जारी करें। बोले चुनाव सिर्फ जाति पर नहीं होते। नरेन्द्र मोदी को चुनाव में सबसे ज्यादा वोट मिले। उनकी जाति के यहां कितने लोग हैं। कांग्रेस के सवाल पर कहा जिस रूप में मेरी भूमिका तय की जा रही थी, मुझे लगा मैं कुछ नया जोड़ नहीं सकता। इसलिए मना किया। अभियान के लिए फंड के सवाल पर कहा कि जहां वोट होगा वहां नोट खुद आ जाएगा।