पटना(ब्यूरो)। मुंगेर से कोसी-सीमांचल और उत्तर बिहार के जिलों को जोडऩे वाले श्रीकृष्ण सेतु पर अब 20 टन से अधिक भार वाले मालवाहक वाहन नहीं चलेंगे। यह निर्णय जिला प्रशासन, रेलवे तथा एनएचएआई के अधिकारियों ने लिया है। अब इस पुल से होकर गुजरने वाले वाहनों के भार की जांच के लिए सेतु के दोनों छोरों पर जांच मशीन लगेगी। दरअसल, हाथीदह स्थित राजेंद्र सेतु पर बड़े वाहनों का परिचालन बंद होने के बाद श्रीकृष्ण सेतु पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है। सेतु से हर दिन एक हजार से ज्यादा बालू लदे ट्रक और अन्य वाहनों का परिचालन हो रहा है। 20 टन से ज्यादा भार वाले वाहनों की आवाजाही हो रही है।

भारी वाहनों के परिचालन से खतरा
श्रीकृष्ण सेतु के नीचे से ट्रेनें गुजरती हैं। ऐसे में रेलवे ने भी ज्यादा भार वाले वाहनों के परिचालन से पुल को खतरा होने की आशंका जताई थी। मुंगेर को खगडिय़ा व बेगूसराय से जोडऩे वाले गंगा नदी पर बने श्रीकृष्ण सेतु से सात फरवरी, 2022 से वाहनों का परिचालन शुरू हुआ है। इसके लगभग एक माह बाद पुल का स्पैन लोड टेस्ट किया गया था। उस समय यह बताया गया कि इस पुल से होकर 55 टन भार वाले मालवाहक वाहन गुजर सकते हैं।

चलाया जाएगा अभियान
सेतु पर वाहनों के बढ़ते दबाव तथा ओवरलोङ्क्षडग के बाद पुल की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पूर्व मध्य रेलवे के अभियंता, एनएचएआई के प्रोजेक्ट निदेशक व जिला प्रशासन ने बैठक कर 20 टन भार वाले वाहनों के परिचालन को लेकर सहमति जताई है। इसको लेकर रेलवे, एनएचएआई तथा जिला प्रशासन के निर्णय को आम जन तक पहुंचाने के लिए पुल के दोनों ओर स्थित क्षेत्र में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराने का निर्णय लिया गया है। एनएचएआई की ओर से जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपने के बाद जिला प्रशासन इस दिशा में काम शुरू कर देगा।