-एसोसिएट प्रोफेसर का पद खाली रहने से लटक सकता है मामला

PATNA: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के अच्छे दिन आने वाले हैं। पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया। असम स्थित तेजपुर मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रो। डॉ। करुणा हजारिका ओपीडी के समय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहुंचे। यहां एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और मेमोग्राफी जांच के लिए उमड़े मरीज को देख हैरान रह गए। पेशेंट्स की जांच का रिकार्ड लिया। कॉलेज पहुंच कर कागजात की जांच की। विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के दोनों पद रिक्त रहने और एक्सरे की 30 एमए वाली दो पोर्टेबल मशीन के संचालन पर टीम असंतुष्ट दिखी। 60 एमए की पोर्टेबल मशीन तथा इमेज इंटेंसीफायर मशीन होने को आवश्यक बताया।

एमसीआई का पहला निरीक्षण

प्राचार्य डॉ। प्रो। विजय कुमार गुप्ता की मौजूदगी में एमसीआइ सदस्य डॉ। करूणा हजारिका ने इस भवन में संचालित सेंट्रल पैथोलॉजी, ब्लड बैंक का मुआयना किया। मरीजों और कर्मियों से बातचीत की। विभागाध्यक्ष डॉ। प्रो। राजीव रंजन ने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के प्रथम प्रयास में तीन सीटों की मान्यता प्राप्त करने के लिए एमसीआई का यह पहला औचक निरीक्षण है। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट सीलबंद कर टीम लौट गयी।

प्रमाण-पत्रों की जांच की

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से निकलने के बाद एमसीआई टीम एनएमसीएच की इमरजेंसी पहुंची। यहां की एक्सरे जांच व्यवस्था को देखा। एक मैनुअल एक्सरे मशीन के काम नहीं करने पर सवाल पूछा तब विभागाध्यक्ष ने बताया कि यह मशीन गुरुवार की दोपहर ही खराब हुई है। इसी ठीक करने के लिए कंपनी को सूचित किया गया है। उन्होंने एमएसआइ टीम की कंपनी से फोन पर बात भी करायी। टीम ने पीपी मोड पर मरीजों की हो रही सीटी स्कैन और एमआरआई जांच व्यवस्था को भी देखा। विभाग पहुंच कर डॉ। प्रो। करूणा हजारिका ने शिक्षकों एवं डॉक्टरों के प्रमाण-पत्रों की जांच की।