अर्बन व मैदानी इलाके में अपना झंडा गाडऩे की प्लानिंग

रूरल एरिया से अलग अब वे अर्बन और मैदानी इलाके में अपना झंडा गाडऩे की प्लानिंग के तहत अर्बन नक्सलिज्म के कांसेप्ट पर काम कर रहे हैं। इसके तहत वे शहरी इलाके में अपनी जड़ें मजबूत करने में लगे हैं। इसका खुलासा कुछ दिनों पहले ही हुआ है। गया में पकड़े गए एक नक्सली के पास से जो डॉक्यूमेंट मिले हैं उससे पटना के लिए खतरे की घंटी बजती नजर आ रही है। पटना से महज 92 किलोमीटर की दूरी पर गया में इसकी प्लानिंग हो रही है, जबकि पटना पहले से ही नक्सलियों का कॉरिडोर रहा है और अब यह उनका साफ्ट टारगेट हो सकता है।

पेन ड्राइव में सेव थी प्लानिंग

अर्बन नक्सलिज्म के नए कंसेप्ट की प्लानिंग गया में हो रही थी। इसका खुलासा तब हुआ जब नक्सलियों का एक लिंकमैन कमर खान पकड़ा गया। गया के टाऊन एरिया के रामपुर थाना के ग्वालबीघा से पकड़े गए इस लिंकमैन के पास से 15 लाख रुपए, एक पेन ड्राइव और कुछ सीडी बरामद हुई। इसके अलावा कुछ नक्सली लिटरेचर भी जब्त किए गए। नक्सली ऑपरेशन में लगे पुलिस ऑफिसर्स ने जब इस पेन ड्राइव को खोला तो वे भी चौंक पड़े। उसमें नक्सलियों ने अर्बन नक्सलिज्म का पूरा खाका तैयार कर रखा था। सेंट्रल कमेटी से भेजे गए इस डाक्यूमेंट को पढऩे समझने में पुलिस लगी रही।  

आईबी के भी कान खड़े हुए

कमर खान की गिरफ्तारी के बाद उससे मिले डाक्यूमेंट्स की पड़ताल इस अभियान से जुड़े ऑफिसर्स ने तो की ही साथ ही साथ आईबी के सीनियर ऑफिसर्स ने भी कमर खान की कई चीजों की जानकारी ली। उसके पास लेवी के 15 लाख रुपए भी थे जिसे वह कुछ नक्सलियों तक पहुंचाने जा रहा था। सीडी और पेन ड्राइव में मिले निर्देशों का पालन भी नक्सली करते। हालांकि उसके पकड़े जाने के बाद भी कुछ बड़ी सफलता हाथ नहीं लग पाई है।

पटना के लिए खतरा है

अर्बन नक्सलिज्म की कहानी अगर गया से लिखने की तैयारी हो रही है तो यह पटना के लिए भी खतरनाक है। महज डेढ़ घंटे का रास्ता है गया। ऐसे में नक्सलियों का सबसे नजदीकी ठिकाना पटना हो सकता है। पहले से ही पटना में नक्सलियों की पैठ रही है। यहां के 20 थाने नक्सल अफेस्टेड एरिया में हैं। जुलाई 12 से लेकर अबतक सिर्फ पटना में ही 15 नक्सली पकड़े जा चुके हैं। इसमें कई हार्डकोर नक्सली शामिल हैं।

पटना रहा है पुराना ठिकाना

नक्सलियों के लिए पटना सबसे सेफ ठिकाना रहा है। पटना के ग्रामीण नहीं शहरी एरिया में आम्र्स का जखीरा पकड़ा जा चुका है। जक्कनपुर के चांदपुर बेला इलाके में गोलियों के अलावा भारी मात्रा में एक्सप्लोसिव पकड़े गए। इससे पहले कुम्हरार एरिया में भी पुलिस ने भारी मात्रा में एक्सप्लोसिव बरामद किया था। नक्सलियों का बड़ा नेता अजय कानू भी पटना से ही अरेस्ट किया गया था।

लिस्ट में है 50 नक्सली

पटना डिस्ट्रिक्ट में नक्सलियों की अच्छी खासी संख्या है। पुलिस के पास भी करीब 50 नक्सलियों की लिस्ट है जो खास तौर से एक्टिव हैं। इनकी अरेस्टिंग के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। इसमें पटना का जोनल इंचार्ज गुरुदेव के अलावा मगध सब जोन का एरिया कमांडर योगेन्द्र रविदास उर्फ लाइटर शामिल है। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में लगे एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा कि कई के नाम तो हम खोलना नहीं चाहते। अभी वे हमारे निशाने पर हैं और जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे।

कुछ संगठनों पर है निशान

अर्बन नक्सलिज्म को स्टैबलिस करने के लिए कुछ खास संगठनों पर नक्सलियों की नजर है। कुछ नए संगठनों की लड़ाई में हेल्प कर उनकी सिम्पैथी लेने की कोशिश के साथ एक बड़ा मुकाम हासिल करने की तैयारी है नक्सलियों की। कुछ दिनों पहले पुलिस के खिलाफ चले मॉव में भी नक्सलियों के सपोर्ट की चर्चा हो रही थी। वायलेंट एजिटेशन का फायदा उठाकर वे शहरों में घुसना चाहते हैं।

पटना से एक साल में गिरफ्तार नक्सली

- सत्येन्द्र मांझी, मुरका, सिगौड़ी, पटना

- विनोद राम एरिया कमांडर, नदौना, भगवानगंज

- सुबोध पासवान, दरियापुर, नौबतपुर

- मंटू शर्मा उर्फ संजय सिंह, गमहाड़ी, औरंगाबाद

- अखिलेश रविदास उर्फ लाइटर, करौती, सिगौड़ी

- नाधरबास यादव, महौरीबिगहा, पालीगंज

- महेन्द्र रविदास, पिनजर, अरवल

- मो। फरीद उर्फ राजू खान, जमहरू, पालीगंज

- सुरेन्द्र रविदास, बारा, भगवानगंज, पटना

- उपेन्द्र सिंह, बारा, भगवानगंज

- कामदेव पासवान, बलजोरी बिगहा, करपी

- महेश वर्मा उर्फ वर्मा जी, करौती, सिगोड़ी, पटना

- परमा पासवान, करवां, भगवानगंज, पटना

- शत्रुध्न, कलपा, जहानाबाद

- गोपाल पासवान, बारा, भगवानगंज

पटना के नक्सल अफेक्टेट एरिया

पालीगंज, जानीपुर, पुनपुन, परसा बाजार, धनरुआ, दुल्हिन बाजार, मसौढ़ी, रानीतालाब, सिगौड़ी, विक्रम, गौरीचक, पीपरा, बिहटा, दनियांवा, भगवानगंज, फतुहा, खीरी मोड़, दीदारगंज, अकिलपुर, शहजहांपुर

यहां के नक्सली छतीसगढ़ में अरेस्ट

कुछ महीने पहले ही पटना का रहने वाला नक्सली छतीसगढ़ में अरेस्ट किया गया। महेश कुमार पोस्टल पार्क का रहने वाला है। उसे छतीसगढ़ में एक्सप्लोसिव के साथ पकड़ा गया था। उसपर नक्सलियों को आम्र्स सप्लाई करने का आरोप लगा है।  

इंफारमेशन तो यह भी है

बिहार के बाहर के कई बड़े नक्सलियों के बच्चे पटना के बड़े स्कूलों में पढ़ते हैं। कई स्तर पर पुलिस को यह इंफॉरमेशन मिली है अभी इसकी डिटेल पुलिस नहीं जुटा पाई है। नक्सल ऑपरेशन में लगे एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि इस तरह की इंफॉरमेशन कई बार मिली है। मगर अभी स्कूलों से भी हमें कुछ खास सहयोग नहीं मिल पाया है।

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