जन औषधि दिवस पर विशेष

- 9473377114 नंबर पर व्हाट्सऐप या pmjanausdhikendraigimsPATNA@gmail.com पर दे सकते हैं दवाओं का ऑर्डर

PATNA :

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत अब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के पांच किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग गुणवत्तापूर्ण सस्ती दवाएं घर बैठे मंगा सकते हैं। इसके लिए संस्थान में खुले जनौषधि केंद्र ने व्हाट्सऐप नंबर 9473377114 और ईमेल आइडी जारी pmjanausdhikendraigimsPATNA@gmail.com किया है। इस संस्थान में भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर से तीन फीसद अतिरिक्त छूट भी दी जाती है।

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 7500 जनौषधि केंद्र के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर औषधि मित्रों से संवाद में आईजीआईएमएस के केंद्र संचालक भारत सेवा परिषद के सदस्य पवन कुमार केजरीवाल ने सांसद सुशील कुमार सिंह के माध्यम से रखीं।

वहीं, डाकबंगला चौराहा स्थित वनमॉल परिसर में जनौषधि केंद्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि ये दवाएं अत्यंत सस्ती और गुणवत्तापूर्ण हैं, इसीलिए लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं। संचालक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में पेट की दवाओं की मांग ज्यादा है लेकिन ये अभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।

प्रदेश में 222 केंद्र पीएमबीजेपी के

प्रदेश में 222 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) संचालित हैं। एक वर्ष पूर्व इनकी संख्या 161 थी। इस वर्ष के अंत तक 61 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र और खुल जाएंगे। इन केंद्रों की सालाना बिक्री एक वर्ष में 3.19 करोड़ से बढ़कर 5 करोड़ रुपए हो गई है।

वहीं आईजीआईएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ। मनीष मंडल ने कहा कि इन केंद्रों पर उच्च गुणवत्ता की दवाएं सीधे भारत सरकार द्वारा केंद्रों पर भेजी जाती हैं। ये अन्य ब्रांडेड दवाओं से कम से कम 50 फीसद सस्ती हैं। वहीं कुछ दवाओं के दाम 80 से 90 फीसद तक कम हैं। जनौषधि केंद्र खुलने से आमजन को करीब 30 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

मिल रही प्रोत्साहन राशि

जन औषधि केंद्रों से दवा खरीदने वाले करीब 1.25 करोड़ लोगों के 3600 करोड़ रुपए की बचत हुई है तो दूसरी ओर शिक्षित बेरोजगारों को काम मिला है। 15 हजार से अधिक लोग वितरक, क्वालिटी टेस्टिंग लैब आदि में काम कर रहे हैं। घरेलू फार्मा कंपनियों के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने वाले इन केंद्रों के संचालकों की प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है। अब इन केंद्रों पर 75 आयुर्वेदिक दवाओं की भी बिक्री की जाएगी।