क्कन्ञ्जहृन् : सूबे में इन दिनों दो तरह की बाढ़ आई हुई है। एक प्रकृति की देन है तो दूसरी कृत्रिम है। यानि शराब की 'बाढ़'। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ड्राई स्टेट में रोजाना हर तरफ शराब की बड़ी बरामदगी खुद ही हकीकत बयां कर रही है। वैसे भी अभी प्रशासन का पूरा जोर बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुंचाने में है जिसका फायदा शराब के कारोबारी उठा रहे हैं। क्योंकि एक सप्ताह में जो भी बरामदगी हुई है वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से हुई है। पुलिस अधिकारियों का भी मानना है कि बाढ़ के कारण शराब के कारोबारी सक्रिय हो गए हैं लेकिन पुलिस पूरी तरह से एक्टिव है जिससे वह गिरफ्त में आ रहे हैं। हालात को देखते हुए एसएसबी ने विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।

- अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी

पिछले दिनों मुजफ्फरपुर-दरभंगा मार्ग (एनएच 57) पर अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी हुई है। जिसने सरकार की शराबबंदी की पोल खोल दी है। क्षेत्र के मझौली पेट्रोल पम्प के पास पुलिस ने एक कंटेनर से एक करोड़ रुपए की विदेशी शराब बरामद की है। लगभग 314 कार्टून शराब के साथ 3 कारोबारी भी पकड़े गए हैं, जिन्होंने पूछताछ में बताया कि बाढ़ के कारण पुलिस की व्यस्तता से शराब की खेप ला रहे थे। सूत्रों की मानें तो शराब यूपी बॉर्डर से लाई जा रही थी।

- शराब से

शराब की बाढ़ यूं ही नहीं आई है। तस्करों ने एक सप्ताह में प्रदेश को शराब से पाट दिया है। जिला पुलिस और रेल पुलिस की सक्रियता से पकड़े गए तस्करों के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति चौंकानेवाली है। एक सप्ताह में 35 तस्कर पकड़े गए हैं और 9 चार पहिया वाहन जब्त किए गए हैं। शराब की अधिकतर खेप यूपी से तो कुछ झारखंड से लाई जा रही है। रेल पुलिस ने भी ट्रेनों से बड़ी बरामदगी की है। सूत्रों की मानें तो तस्करी का 25 प्रतिशत माल ही बरामद हुआ है।

- इन जिलों में पकड़ी गई शराब

पुलिस ने एक सप्ताह में जो शराब की बड़ी बरामदगी की है उसमें आरा, गया, औरंगाबाद, सुपौल, जमुई, मुजफ्फरपुर, छपरा, हाजीपुर, गोपालगंज, पटना सिटी, पटना शामिल है। इसमें कई जिले ऐसे हैं जहां कई बार शराब की खेप बरामद हुई है। इसमें गया, मुजफ्फरपुर के साथ औरंगाबाद है।

बाढ़ में शराब के कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए एसएसबी ने विशेष अभियान शुरू किया है। नेपाल सीमा पर जवानों को अलर्ट किया गया है। इससे शराब की बड़ी बरामदगी हो रही है।

- एनकेबी सिंह, प्रसार अधिकारी

एसएसबी