पटना(ब्यूरो)। राजधानी में जल्द ही जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाने, टेलीफोन व बिजली के तार ले जाने और गैस पाइपलाइन आदि के लिए बार-बार सड़कों की खोदाई नहीं करनी होगी। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र में भूमिगत यूटलिटी डक्ट बनाया जाएगा। यह यूटिलिटी डक्ट बॉक्सनुमा होगा जिसमें से जरूरी तार और पाइपलाइन को ले जाया जाएगा। पटना नगर निगम क्षेत्र में यूटिलिटी डक्ट कोरिडोर बनाने की योजना को स्वीकृति मिल गई है।

डेढ़ दर्जन सड़कों का सर्वे
नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भौतिक माडल विकसित किया जाना है, जिसके लिए पटना नगर निगम का चयन किया गया है। इसके लिए मुख्य शहर के करीब डेढ़ दर्जन सड़कों का सर्वे किया गया है। पटना में डक्ट निर्माण के लिए 61.95 लाख रुपये खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। योजना का कार्यान्वयन पटना नगर निगम के द्वारा किया जाएगा। इसके लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

सिवरेज का चल रहा काम
वर्तमान में राज्य के शहरों में विकास से जुड़ीं कई योजनाएं एक साथ चल रही हैं। जलापूर्ति से लेकर सिवरेज नेटवर्क का काम चल रहा है। इसके अलावा जगह-जगह आप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए भी सड़कें काटी जाती हैं। इसके कारण बड़े स्तर पर पहले से बनीं सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इनकी मरम्मत पर बड़ी राशि भी खर्च होती है। भूमिगत यूटिलिटी डक्ट के निर्माण से इस समस्या से निदान मिल जाएगा। इसके माध्यम से बिना सड़क खोदे ही बिजली, पानी की आपूर्ति, सीवर लाइन तथा दूरसंचार के लेबल इत्यादि पहले से बने भूमिगत डक्ट से पास करा दिया जाएगा।

यूटिलिटी डक्ट में होंगे चार से छह बाक्स
विशेषज्ञों के अनुसार, यूटिलिटी डक्ट में चार से छह बाक्स होंगे। बिजली के तार, जलापूर्ति पाइपाइन, गैस पाइपलाइन, सिवरेज, ड्रेनेज आदि के लिए यूटिलिटी डक्ट में अलग-अलग बॉक्स बना होगा। यूटिलिटी डक्ट में प्रत्येक 25 से 50 मीटर पर चैंबर बना होगा ताकि लीकेज या अन्य जरूरत के अनुसार पाइपलाइन व तार को चेक किया जा सके।