-सिंधी व अरबी नस्ल के हैं घोड़े, हर घंटे 100 किमी की है चाल

क्कन्ञ्जहृन्: गुरुद्वारा गुरु का बाग में एक करोड़ का अबलख घोड़ा सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यहां बाबा अवतार सिंह पंजाब के तरनतारण से 40 घोड़ा और दो हाथी लेकर गुरु की नगरी पहुंचे हैं। बाबा अवतार सिंह बताते हैं कि अबलख और बग्गा का जवाब नहीं है। अबलख सिंघी और बग्गा अरबी नस्ल का घोड़ा है। दोनों 100 किमी की रफ्तार से दौड़ लगाता है। इसके खान-पान और सेवा के लिए अलग-अलग बंदे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि यहां इन घोड़ों को जौ का भूसा, चना, जौ, गेहूं और घी लगी रोटियां खिला रहे हैं।

घोड़े हो चुके हैं घायल

बाबा बलबीर सिंह बताते हैं कि ट्रक से लाने में कुछ घोड़े जख्मी हो गए हैं। जिसका इलाज चल रहा है। पंजाब के तरनतारण से पटना साहिब लाने में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर को कंगन घाट में घुड़दौड़ होगी। घोड़े पर बैठ निशाना लगाना, किलबाजी करना, सामान उठाना, दो घोड़े को एक सवार द्वारा दौड़ाना, 4 घोड़े पर खड़ा हो शस्त्रों का प्रदर्शन, कलाबाजी दिखाना, तलबारबाजी, मलहठिया से खेलना, गतका और मार्शल आर्ट आदि दिखाया जाएगा।

हजार समर्थकों के साथ ठहरे हैं

बाबा अवतार सिंह हजार समर्थकों के साथ गुरुद्वारा गुरु का बाग में ठहरे हैं। यहां बुधवार से उन्होंने लंगर की सेवा शुरू की। जत्थेदार भाई इकबाल सिंह, पंच प्यारे, कथावाचक आदि ने अरदास किया। सभी को सरोपा देने के बाद अरदास कर सेवा शुरू की गई।