पटना (ब्यूरो)। शहर में कई बड़े नाले हैं जो सघन रिहाइशी इलाकों के बीच है। आए दिन ये खुले नाले में लोगों के और वाहनों के गिरने की घटना भी होती रहती है। हाल में भी कुछ घटनाएं हुई है। इस कन्सर्न को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय था- 'खुले नाले की समस्या और समाधानÓ। इसमें सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि खुला नाला लोगों के लिए अनसेफ है और इसको सेफ बनाने के लिए नाला की बाउंड्री होनी चाहिए। इसके अलावा बाउंड्री निर्माण के बाद इसपर अतिक्रमण न हो या आगे भी सेफ रहे इसके लिए इसकी प्रापर मानिटरिंग भी होती रहनी चाहिए। इसके साथ कुछ प्रतिभागियों ने जागरूकता लाने के मामले पर भी जोर दिया।

वेबिनार की मुख्य बातें

- नाला की प्रापर बाउंड्री वाल से घेराबंदी होनी चाहिए।

- नाला का किनारे का हिस्सा समय के साथ कमजोर होता जाता है। इसकी निगरानी हो।

- नाला के किनारे का हिस्सा पर पेड़ लगाकर इसकी ग्रीनरी को भी मेनटेन करना चाहिए।

- नाला की बाउंड्री का कहीं अतिक्रमण तो नहीं हो रहा, ड्रोन से इसकी निगरानी की जानी चाहिए।

- नाला के किनारे के गाद को सड़क पर नहीं गिराना चाहिए।

- अनसेफ होने के साथ स्वास्थ्य संबंधी खतरे का भी कारण नाला ही है।

- नाला की सफाई भी होनी चाहिए। ताकि नाला का पानी जाम होने के कारण सड़क पर न जमा हो जाए।

नाला का दिनो-दिन संरक्षण के अभाव में कटाव हो रहा है। इस कारण सड़क के किनारे का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। नतीजा यह है कि लोगों के लिए नाला लगातार अनसेफ हो रहा है। इसलिए हादसा होने की खतरा भी बढ़ रहा है।

रीना सिन्हा

सरकारी स्तर पर जो कम्पलेन आता है उसका समय पर निष्पादन होना चाहिए। लोग कम्पलेन करते हैं लेकिन उसका ठीक से संज्ञान नहीं लिया जाता। इसके अलावा जागरूकता लाने की भी जरूरत है ताकि लोगो की सेफ्टी सुनिश्चित हो।

रमेश मिश्र

पटना में तमाम जगहों पर नाला खुला अवस्था में है। खास तौर पर रिहाइशी इलाकों में नाला में गिरने की घटनाएं होती रहती है। खुला नाला का बाउंड्री वाल होना चाहिए और नियमित रूप से इसकी सेफ्टी की निगरानी भी की जानी चाहिए।

अरजेश राज

खुले नाले न केवल लोगों की सेफ्टी के लिए खतरा है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी मुसीबत है। क्योंकि नालों के आस-पास तमाम प्रकार के मच्छर आदि के कारण लोग बीमार पड़ते रहते हैं। इसलिए इसके लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है।

राम कुमार

मेरा निगम से निवेदन होगा कि नाला की सफाई होनी चाहिए। इसके अलावा नाला के दोनों के किनारों पर बाउंड्री वॉल भी होना चाहिए। ताकि इसे पूरी तरीके से सेफ किया जा सके। तभी इसमें लोगों के गिरने की घटनाओं पर लगाम लगेगा।

दिव्यांशु राज

आए दिन नाला में गिरने की घटनाएं होती रहती है। शहर के कई नाले खुले हैं और उसे सेफ बनाने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने के कारण ही लोगों के गिरने की घटनाएं होती रहती है। इसलिए इसका निराकरण करने के लिए बड़े प्रयास होने चाहिए।

आदि मेहता

नाला की मिट्टी सड़क पर ही पसार दिया जाता है और नाला सुरक्षित रहे इसके लिए बाउंड्री वॉल नहीं बनाया जाता है। नतीजा यह है कि गंदगी का अंबार लगता रहता है.नालों को ढंकने और समुचित सफाई के इंतजाम करने के अलावा इसे सेफ बनाने का दूसरा विकल्प नहीं है।

नागेंद्र कुमार पांडेय

पिछले पांच साल से निगम जो काम कर रहे है उसमें ठीकेदार और पदाधिकारी इस काम में मनमानी करते है। इसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। ताकि नाले की सेफ्टी और लोगों की भी सेफ्टी को भी सुनिश्चित किया जा सके।

आजाद चांद

पटना में यह कोई पहली घटना नहीं है। नाले में डूबने की घटना पहले भी हो चुकी है। समस्या इसके सुधार की है। जो अब तक न तो निगम और न ही सरकार के अन्य प्रोजेक्ट से ही इसे सुरक्षित किया जा सका है। इसका खामियाजा आमजन ही भुगत रहे हैं।

विवेक कुमार