- बैंड संचालकों व कर्मियों ने सुलतानगंज में किया प्रदर्शन

- 12 दिसंबर तक बाजा बजाने की अनुमति दिए जाने की मुख्यमंत्री से मांग

PATNA :

सुलतानगंज में अशोक राजपथ पर शनिवार की दोपहर अचानक बिन बारात बैंड बजता देख आसपास से गुजरने वाले चकित होकर देखने लगे। बैंड बजाने वालों से कारण पूछने पर पता चला कि कोरोना संक्रमण का हवाला देकर जिला प्रशासन ने शादी समारोह में बैंड बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसका वे विरोध कर रहे हैं।

बैंड बाजा संचालकों ने बताया कि

बिहार बैंड वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले सभी बैंड मालिक, बजाने वाले कलाकार एवं काम करने वाले मजदूरों ने रोजी-रोटी छीनने वाले जिला प्रशासन के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया। साथ ही विवाह के लगन को देखते हुए 12 दिसंबर तक बैंड बजाने की अनुमति दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की।

पूरा साल निकला बेरोजगारी में

बैंड बाजा संचालकों का कहना था कि कोरोना संक्रमण का विस्तार रोकने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा बैंड बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने उन्होंने लगन को देखते हुए ग्राहकों के साथ शादी में बैंड बजाने का सट्टा कर लिया है। पेशगी की रकम भी ले ली है। ग्राहक अब दिए गए एडवांस वापस मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे साल तीज त्योहार बिना बैंड बाजा के ही बीत गया। एक बैंड की बु¨कग के साथ 25 से 30 व्यक्ति का रोजगार जुड़ा होता है। इनमें कलाकार से लेकर दैनिक मजदूर तक होते हैं। इस मौसमी कारोबार से ही इन सभी का परिवार चलता है। अचानक बैंड बजाने पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से सभी संकट में घिर गए हैं। पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन के दौरान अशोक राजपथ पर सुल्तानगंज के समीप कुछ देर के लिए वाहनों का आवागमन भी प्रभावित हुआ।

कैसे चले परिवार

एक बैंड बाजा संचालक शेरू खान ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पहले से ही कारोबार चौपट है। अगले चार महीनों तक कोई सीजन भी नहीं है। कर्ज लेकर अपना और स्टाफ का गुजर बसर हो रहा है। मास्क व सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर हम शारीरिक दूरी रखते हुए पूरी सावधानी बरत रहे हैं। सरकार हमें 12 दिसंबर तक बैंड बाजा बजाने की अनुमति दे।

9-10 माह से बैठे हैं बेरोजगार

जम्मू खान ने बताया कि सरकार से हमें कोई मदद नहीं मिलती है। इस मौसमी कारोबार से जुड़े पटना के 20 से 25 हजार लोग नौ-दस महीनों से बेरोजगार बैठे हैं। 25 नवंबर से मांगलिक कार्य शुरू हुए और 26 से बैंड बाजा बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हमारी जीविका के लिए सरकार को बैंड बाजा बजाने की अनुमति देनी चहिए।