पटना (ब्यूरो)।ऋषि-तुल्य साहित्य-साधक थे पं राम नारायण शास्त्री। वे एक महान हिन्दी सेवी ही नहीं, संस्कृत और प्राच्य साहित्य के अध्येता और अन्वेषक भी थे। उनकी पत्नी ईश्वरी देवी भी वेदों का ज्ञान रखने वाली विदुषी और गणितज्ञ थी। यह बातें बुधवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में पं राम नारायण शास्त्री स्मारक न्यास की ओर से आयोजित स्मृति-सह-सम्मान समारोह का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहीं। इस अवसर पर उन्होंने सुप्रसिद्ध सामाजिक-चिंतक सूबेदार सिंह एवं बिहार लोक सेवा आयोग की सदस्य प्रो। दीप्ति कुमारी को अक्षर-पुरुष पं राम नारायण शास्त्री स्मृति सम्मान से अलंकृत किया। समारोह के मुख्य अतिथि और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने पं शास्त्री को नमन करते हुए कहा कि शास्त्री जी एक ऐसे साधक साहित्यकार थे, जिन्होंने अपनी बौद्धिक-रचनाओं से समाज का मार्ग-दर्शन किया।
सभा की अध्यता करते हुए, सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ। अनिल सुलभ ने कहा कि शास्त्री जी को स्मरण करना किसी तपस्वी ऋषि के सान्निध्य में जाने के समान पावन है। वे एक प्रणम्य साहित्यिक साधु-पुरुष थे। इस अवसर पर पं शास्त्री की पुत्रवधु रेणु कश्यप, संस्कृत के विद्वान आचार्य मुकेश कुमार ओझा, विनीता मिश्र, कृष्णरंजन सिंह, शैलेंद्र ओझा, रजनी सिन्हा सहित कई लोग उपस्थित रहे।