-कहा, एनएमसीएच जाकर कोरोना का हाल जानें सीएम

PATNA: बिहार में जीवनरक्षक दवाओं का अभाव है। कोरोना में उपयोग में आने वाली जीवनरक्षक दवाएं मार्केट से गायब कर दी गईं हैं। आलम यह है कि दुकानों पर लोगों को कोरोना की बेसिक दवा नहीं मिल रही है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि दवाओं की कोई कमी नहीं है। जबकि इकोस्प्रीन, डेक्सोना, विटामिन सी और जिंक के साथ वाली मल्टी विटामिन जैसी दवाएं नहीं मिल रहीं हैं। यह बातें बुधवार को जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कही। वे बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे।

रोज 4500 वॉयल की जरूरत

पप्पू यादव ने कहा कि पटना में प्रतिदिन रेमडेसिविर दवा की 4500 वॉयल की जरूरत हैं। एम्स और एनएमसीएच के मना करने के बाद भी बिहार सरकार जबरन रेमडेसिविर सप्लाई कर रही है। किसी अस्पताल को 15 तो किसी को 20 रेमडेसिविर दी गई है। पप्पू ने कहा कि वे सरकार से जानना चाहते हैं कि डॉक्टर एक मरीज को छह रेमडेसिविर देने को कहते हैं ऐसे में किस हिसाब से सरकार अस्पताल को इस इंजेक्शन की 15 वॉयल दे रही है। इस दौरान उन्होंने हॉस्पिटल पहुंच परेशान लोगों से बात की। जिसमें कई लोगों ने होने वाली परेशानी के बारे में उन्हें बताया।

हेल्थ सिस्टम चरमराया

उन्होंने कहा कि बाइपास में कई ऐसे नìसग होम है जो अवैध तरीके से कोरोना का इलाज कर रहे हैं। इनका नाम सरकार की लिस्ट में नहीं हैं। इनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं। बावजूद इन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहे हैं। बिहार का हेल्थ सिस्टम चरमरा गया हैं। किसी भी अस्पताल में डॉक्टर नहीं आ रहे है। बिहटा से लेकर महुआ तक सभी कोविड अस्पतालों की स्थिति काफी दयनीय है।