- जनता के लिए यह जानना जरूरी है कि उनके विधायक क्या सवाल उठाते हैं

PATNA : संसदीय प्रणाली में कारपोरेट संस्थाओं का नियंत्रण बढ़ता जा रहा है। देश में बदलते राजनीति स्वरूप को देखते हुए लोगों को वोटिंग प्रणाली पर अध्ययन होना चाहिए। लोग किसी पार्टी को वोट क्यों देते हैं? वोट देने से पहले उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या होता है? इस पर गहरा अध्ययन होना चाहिए। ये बातें प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और प्रो। रीतिका खेर ने जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के रिसर्च सदस्यों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जनता उम्मीदों के साथ अपना प्रतिनिधि चुनती है। अत: उनके लिए यह जानना जरूरी है कि उनके विधायक क्या सवाल उठाते हैं। किस तरह के सवाल पूछते हैं। कानून बनाने में उनकी कैसी भूमिका होती है या सिर्फ अपने क्षेत्र की समस्याओं को ही रखते हैं।

विधायकों का सामाजिक एवं राजनीतिक अध्ययन भी शोध का विषय हो

जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान जैसी संस्थाओं को इसका विश्लेषण कर जनता के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। इसके साथ विधान मंडल सत्र के दौरान विधायकों की उपस्थिति का ब्योरा उनके द्वारा उठाए गए प्रश्न एवं मुद्दों से संबंधित डाटा का भी संकलन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश व बिहार के संसदीय स्वरूप में पिछले दिनों काफी परिवर्तन हुआ है। अब प्रतिनिधि के रूप में पढ़े लिखे एवं प्रतिष्ठित लोगों के साथ तरह-तरह के समुदायों के लोग आने लगे हैं। अत: वर्तमान एवं पूर्व के विधायकों का सामाजिक एवं राजनीतिक अध्ययन भी शोध का विषय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कारपोरेट संस्थाओं का नियंत्रण समाज में बढ़ता जा रहा है। इन संस्थाओं की कोशिश हो रही है कि सरकार की मिड डे मील योजना (कुक्ड फूड) के स्थान पर जंक फूड को शामिल किया जाए। यह बच्चों के हित में नहीं है। संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने ज्यां द्रेज को संस्थान में आने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ। सरोज कुमार द्विवेदी, रिसर्च फेलो डॉ बबन सिंह, डॉ पूनम उपाध्याय, डॉ मनोरमा सिंह, अरुण कुमार सिंह, अजय कुमार द्विवेदी एवं डॉ वीणा सिंह आदि इस मौके पर उपस्थित थे।