पटना (ब्यूरो)। गुरु नानक देव जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा का उदित होता चंद्रमा भारत और अलग-अलग राज्यों एवं शहरों के लिए अलग-अलग चांदनी के साथ आकाश में होगा। ऐसा इस साल के अंतिम चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना के कारण होगा। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जानकारी देते हुए बताया कि अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी भाग में चंद्रमा आंशिक ग्रहण (पार्शियल लुनार इकलिप्स) के साथ उदित होगा तो पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में चंद्रमा उपछाया ग्रहण (पेनुम्ब्रल लुनार इक्लिप्स) की स्थिति में होगा।

नहीं दिखेगी खगोलीय घटना

सारिका ने बताया कि ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दिन में 11 बजकर 32 मिनट पर आरंभ होगा और शाम 5 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा। क्योंकि इस समय भारत में दिन होगा तथा चंद्रोदय नहीं होगा इसलिए इसे देखा नहीं जा सकेगा, लेकिन शाम होते-होते भारत के पूर्वी राज्यों तथा छत्तीसगढ़ में उदित होता चंद्रमा ग्रहण वाला होगा। उपछाया ग्रहण में चंद्रमा की चमक में इतना कम अंतर आता है कि खाली आंखों से महसूस नहीं किया जा सकता है। इसलिए इन प्रदेश में ग्रहण की खगोलीय घटना तो होगी पर महसूस नहीं होगा। देश के जिन स्थानों पर इसके बाद चंद्रमा शाम 5 बजकर 34 मिनट के बाद उदित होगा वहां न तो ग्रहण घटित होगा न दिखेगा।

ग्रहण की कुछ खास बातें

- ग्रहण की कुल अवधि 6 घंटे 2 मिनट होगी

- आंशिक ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट होगी

- चंद्रग्रहण के दो सप्ताह बाद सूर्य ग्रहण आता है। इस बार भी 4 दिसंबर को पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जाएगा।

नगर - पटना

उपछाया ग्रहण आरंभ - शाम 05:01 बजे

उपछाया ग्रहण समाप्त - शाम 05:33 बजे

अवधि - 32 मिनट