पटना ब्‍यूरो।

शवों के आने की संख्या में इजाफा हुआ है और इसकी संख्या दो गुनी से तीन गुनी तक बढ़ गई है। पटना में अलग-अलग घाटों की बात करें तो सैंकड़ों की संख्या में यहां पर शवों की अंत्येष्टि की प्रत्येक दिन होती है। लेकिन इस संख्या में अचानक एक सप्ताह के अंदर इजाफा हुआ है। इसके पीछे गर्मी और लू को प्रमुख वजह बताया जा रहा है।

दीघा घाट पर शनिवार और रविवार को आए 45 शव

पटना के दीघा जर्नादन घाट पर भी पिछले एक सप्ताह में शवों के आने की संख्या में तीन से चार गुना तक बढ़ोतरी हुई है। इसमें बड़ी संख्या उन लोगों की भी है जिनकी मौत की वजह लू और गर्मी को बताया गया है। दीघा घाट पर आने वाले शव का रिकॉर्ड रखने कर्मचारी सुनील कुमार ने बताया कि पिछले शनिवार और रविवार को घाट पर रिकॉर्ड तोड़ शव आए। जहां शनिवार को 50 के करीब शव आए वहीं रविवार को भी 45 शव घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था। सुनील कुमार के अनुसार इतना शव उन्होंने कोरोना के टाइम में भी नहीं देखा था जितना पिछले शनिवार और रविवार को घाट पर आए थे। सुनील के अनुसार ऐसे सामान्य दिनों में घाट पर 10 से 15 के बीच शव अंतिम संस्कार के लिए आते हैं।

फतुहा में भी दर्जनों की संख्या में पहुंच रहा है शव

पटना के फतुहा में नालंदा नवादा, गया और जहानाबाद के मृत लोगों को ज्यादातर अंतिम संस्कार के लिए लाया जाता है। इस घाट मृतकों को लिखित रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। लेकिन यहां पर लकड़ी और कफन बेचने वाले श्याम पासवान ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से यहां पर लगातार भीड़ लग रही है। काफी संख्या में आसपास के जिलों से शवों को यहां पर अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। वे कहते हैं कि सामान्य दिनों में यहां पर 15 से 20 शव ही आते थे। वहीं पिछले एक सप्ताह में तीन सौ से अधिक शव घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया है।

बांस घाट और गुलबी घाट पर भी शवों के आने की संख्या बढ़ी

बांस घाट और गुलबी घाट पर भी शवों के आने की संख्या बढ़ गई है। बांस घाट पहले के अपेक्षा शव कम आते हैं। क्योंकि गर्मियों के दिनों में गंगा यहां से बहुत दूर चली जाती है। फिर भी सामान्य दिनों में सात से आठ शव यहां पर आता है। लेकिन यह संख्या में पिछले रविवार तक औसतन 20 के करीब पहुंच गई है। यहीं स्थिति कमोवेश गुलबी घाट की भी है। यहां पर भी सामान्य दिनों के अपेक्षा अधिक शव आ रहे हैं।

लकडिय़ों के दाम बढ़े

शवों के अधिक आने से लकडिय़ों भी कम पड़ जा रही है। इसकी चलते लकडिय़ों के कीमत में भी इजाफा हो जा रही है। फतुहा घाट पर सामान्य दिनों में लकडिय़ों की कीमत पांच सौ से लेकर छह सौ के बीच होती है। लेकिन शवों के आने की संख्या जब बढ़ जाती है तब यह आठ सौ से लेकर एक हजार तक पहुंच जाती है।

अस्पतालों में लगातार आ रहे हीट स्ट्रोक के मरीज
निजी अस्पतालों में लगातार हीट स्ट्रोक के मरीज आ रहे हैं। लोग गर्मी के कारण चक्कर, बेहोशी, घबराहट, हाथ-पैरों में जलन, मुंह सूखना आदि लक्षण बता रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी लोग यही परेशानी लेकर पहुंच रहे हैं। 102 एंबुलेंस के पास भी गर्मी में बेहोशी के कई कॉल आ रहे हैं। जिला अस्पताल में फीवर वार्ड, संचारी वार्ड व कोल्ड रीम अलग बनाए गए हैं।